सांपों के काटने से सबसे अधिक मौत कहां होती है? ये आंकड़े देख लीजिए…

सांपों के काटने से सबसे अधिक मौत कहां होती है? ये आंकड़े देख लीजिए…

नई दिल्ली : दुनिया में 16 जुलाई को विश्व सांप दिवस (World Snake Day) मनाया जाता है। ये दुर्भाग्य की बात है कि भारत को सांपों के काटने की राजधानी के रूप में जाना जाता है। इसका मतलब है कि दुनियाभर में सांपों के काटने की सबसे अधिक घटनाएं भारत में ही होती है। एक अनुमान के अनुसार दुनियाभर में हर साल सांपों के काटने के 78 हजार से 1 लाख मामले सामने आते हैं। इनमे से करीब 64 हजार मामले भारत में ही होते हैं।

सांपों की 35 हजार से अधिक प्रजातियां
क्या आप जानते हैं कि दुनिया भर में साँपों की 3,5000 से अधिक प्रजातियां हैं? सांपों की 3,500 प्रजातियों में से केवल 600 ही ऐसी हैं जो जहरीली हैं। इसका अर्थ है कि महज 25 प्रतिशत सांप ही जहरीले होते हैं। खास बात है कि इनमें से भी केवल 200 प्रजातियां ही ऐसी हैं जो मानव जीवन के लिए भी काफी खतरा पैदा करती हैं। इसलिए, सांप कहीं भी उतने चिंताजनक या डरावने नहीं हैं जितना हम सोचते हैं।

सांपों का काटना चिंता का विषय
भारत में सांपों के काटने का मुद्दा पब्लिक हेल्थ से जुड़ा हुआ है। देश में सांपों के काटने से हर साल करीब 60 हजार लोगों की मौत हो जाता है। हालांकि, जब हम सांपों के काटने की बात करते हैं तो हम यह भूल जाते हैं कि सांप भी वन्यजीवों का हिस्सा हैं। सांपों के काटने को लेकर चर्चा के बीच सांपों की प्रजातियों के संरक्षण के महत्व के बारे में चर्चा पीछे छूट जाती है। भारत जहां सांपों के काटने के मामले सबसे अधिक आते हैं, वहीं सांपों के मारे जाने की घटनाएं भी सबसे अधिक होती हैं। हालांकि, आधिकारिक रूप से इसका कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।

सबसे जहरीले सांप कौन से हैं?
हम जब विषैले सांपों की प्रजातियों की बात करते हैं तो इनमें से चार, इंडियन कोबरा (नाजा नाजा), कॉमन क्रेट (बंगारस कैर्यूलस), रसेल वाइपर (दबोइया रसेली) और सॉ-स्केल्ड वाइपर (एचिस कैरिनैटस शामिल हैं। ये प्रजातियां मानव बस्तियों के करीब रहते हैं। ऐसे में सांपों के काटने से होने वाली अधिकतर मौतों के लिए यही जिम्मेदार होते हैं।

सबसे अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में घटनाएं
पिछले कई स्टडी में यह बात सामने आई है कि सांपों के काटने की अधिकांश घटनाएं ग्रामीण भारत में होती हैं। इनमें भी सांपों का सबसे अधिक शिकार किसानों और दिहाड़ी मजदूरों बनते हैं। खेतों में काम करते समय या काम के दौरान सांप कांटने की घटनाएं सबसे अधिक होती हैं। ह्यूमन सोसायटी इंटरनेशनल इंडिया में वाइल्ड लाइफ के डायरेक्टर सुमंत बिंदुमाधव का कहना है कि सर्पदंश एक ऐसी पीड़ा है जो परिवार के मुख्य कमाने वाले को प्रभावित करती है।

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