Fake Milk : भारत के हर घर में दूध की मांग है. अधिक मांग होने के कारण बाजार में बड़ी मात्रा में नकली दूध (Fake Milk) मिल रहा है. इसकी वजह से बाजारों में अभूत मात्रा में नकली दूध हर जगह बनाया जा रहा है. खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने कई बार नकली दूध (Fake Milk) बनाने का भण्डाफोड़ किया है और कईं लीटर मात्रा में इसको खत्म भी किया गया है. ऐसे में एक बार फिर हजार लीटर से ज्यादा दूध खाद्य विभाग की टीम ने खत्म किया है. क्योंकि ये सारा दूध नकली चीजों और केमीकल से बनाया गया था.
भारी मात्रा में नकली दूध का चल रहा काला धंधा
उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर की ये घटना बताई जा रही है कि एक ब्रांड का नाम से संचालित मिल्क प्रोडक्ट सेंटर द्वारा नकली दूध (Fake Milk) बनाया जा रहा था. अधिकारियों का कहना है कि करीब 15 दिन पहले ही ब्रांड की ओर से दूध के उत्पाद के लिए उत्पाद का स्वामित्व खत्म कर दिया गया था. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में नकली दूध (Fake Milk) से भरी एक गाड़ी पकड़ी गई है. दूध के जैसा ‘सफेद जहर’ बाजार में न पहुंच जाए इससे पहले ही 1400 किलोवाट दूध के गड्डे में बहा दिया गया.
बुलंदशहर में 1400 लीटर नकली दूध किया खत्म
मंगलवार को खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने 1400 लीटर दूध से भरी गाड़ियों को पकड़ा और इस पर रोक लगाई. जब गाड़ी के चालक से पूछा गया तो उसने बताया कि वह ग्राम बरौली वासुदेवपुर स्थित कुबेर आश्रम की गाड़ी चलाता है. शेखपुर गढ़वा में संचालित गज नाम के केंद्र से नकली दूध (Fake Milk) तैयार कर भेजा जा रहा है. टीम ने चालक दल की सूचना के आधार पर मंगलवार रात को सामुहिक जांच पड़ताल की तो एक कंपनी को नकली दूध बनाते रंगे हाथ पकड़ में ले लिया. टीम ने नकली दूध बनाने के लिए 15 किलो वजनी ग्लूकोज पाउडर, 150 किलो वजनी ग्लूकोज, 15 किलो ग्राम नकली दूध, एक ड्रम में नकली दूध बरामद किया.
टीम ने सभी चीजों को सीज करते हुए गाड़ी से बरामदगी व सेंटर पर मिले नकली दूध (Fake Milk) व अन्य सामान का सामान लेकर जांच के लिए भेजा है. खाद्य आवास विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, ‘हमें मिली गुप्त सूचना के आधार पर हमने कार्रवाई की थी. जांच के दौरान हमने 1400 लीटर दूध को पकड़ा और उसे तुरंत नष्ट कर दिया. साथ ही, हमने इसके कुछ सैंपल लिए हैं और इनकी जांच के लिए कुछ सबूत लैब में भेजे हैं.’ यह घटना दिल्ली क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाती है.
दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में आ रहा नकली दूध
पिछले कुछ महीनों में नकली दूध (Fake Milk), मावा और घी के मामले सामने आने के बाद यह तीसरा बड़ा मामला है. जिसमें इस क्षेत्र में खाद्य पदार्थों के बढ़ते खतरे को शामिल किया गया है. खाद्य विभाग की टीम ने लैब के लिए जांच के लिए चार सैंपल लेकर लैब को दिए हैं. कंपनी पर उपलब्ध खाद्य पदार्थों को जब्त कर लिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि लैब से जांच रिपोर्ट आने के बाद कंपनी के मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
खाद्य सुरक्षा के अधिकारियों ने सख्ती से शुरू की कार्रवाई
मिलावटी दूध (Fake Milk) का खराब स्वाद से पता चलता है. ये साबुन जैसा दिखता है वैसा ही लगता है. गर्म करने पर पीला हो जाता है. आधा कप दूध में आधा कप पानी भरें. हिलाकर देखें. अगर झाग आता है तो इसमें मिलावट है. वहीं 3 एमएल दूध में हाइड्रोक्लोरिक एसिड और एक मात्रा चीनी मिलाएं. 5 मिनट बाद अगर दूध का रंग लाल हो जाए तो वनस्पति घी का उत्पाद है. एक दूध कप में 2-3 बूँदें टिंचर डालें. अगर दूध नीला हो जाए तो इसमें केमिकल का उत्पाद शामिल है.