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सिख धर्म के संस्थापक की 10 अनोखी बातें, जरूर जानें मिलेगी शांति

सिख धर्म के संस्थापक की 10 अनोखी बातें, जरूर जानें मिलेगी शांति

सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का देहांत 22 सितंबर, 1539 को हुआ था। गुरु नानक देव जी ने अह्मेशा ही अपने उपदेशों से मनुष्य जीवन को सरल बनाने के प्रयत्न किए हैं। वे ‘एकेश्वरवाद’ में मानते थे और कहते थे कि भगवान एक ही है, बस उसके रूप अनेक हैं। आइए आपको गुरु नानक से जुड़ी 10 दिलचस्प बातें बताते हैं।

1. गुरु नानक का जन्म 15 अप्रैल, 1469 को कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था। अब यह पूर्णिमा हर साल अक्टूबर या नवंबर के महीने में आती है

2. गुरु नानक का जन्म हिन्दू परिवार में हुआ था, उनके पिता का नाम मेहता कालू और माता का नाम तृप्ता जी था

3. वे 7 वर्ष की आयु के थे जब पहली बार शिक्षा प्राप्त करने के लिए गए थे

4. 18 वर्ष की आयु में उनका विवाह माता सुलखनी से हुआ था

5. गुरु नानक के दो पुत्र थे – श्री चंद, लक्ष्मी चंद

6. गुरु नानक ने सबको यह उपदेश दिया कि भगवान हर दिशा में है, उसका कोई रूप कोई नाम नहीं है। वह ‘अकाल पुरख’ है जो सबके भीतर समाया है

7. गुरु नानक ने जाती और धर्म का मार्ग ना चुनकर केवल एकेश्वरवाद को ही माना

8. गुरु नानक ने ‘गुरुमुखी’ (पजाबी भाषा) की भी रचना की

9. गुरु नानक ने ‘जपजी साहिब’ का पाठ लिखा जिसे सिख सुबह की पहली प्रार्थना के रूप में पढ़ते हैं

10. उन्होंने अपनी रचनाओं को एक पोथी में लिखा। उनकी और अन्य गुरुओं, महान कवियों की रचना को एकत्रित करके ही गुरु ग्रन्थ साहिब का निर्माण किया गया था

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