- जैसे-जैसे उम्र बढ़ने के साथ अक्सर लोगो को घुटनों और जोड़ों का दर्द होने लगता है जो गठिया का लक्षण (Arthritis symptoms) भी हो सकता है। गठिया की वजह यूरिक एसिड को माना जाता है, शरीर में uric acid की मात्रा बढ़ जाने पर इसके कण घुटनों और अन्य जोड़ों में जमा होने लगते है जिस वजह से जोड़ो में दर्द होने लगता है।
- कई बार ये दर्द इतना असहनीय होता है की व्यक्ति का बुरा हाल हो जाता है। गठिया की बीमारी हो तो रात के समय जोड़ो का दर्द बढ़ जाता है और सुबह अकड़न होती है। अगर आपके घुटनो में दर्द रहता है तो सही समय पर इसकी जाँच करवाना जरुरी है, अगर ये गठिया का रोग है तो तुरंत इसका इलाज करना चाहिए नही तो इससे जोड़ो को नुकसान भी हो सकता है। इस लेख में All Ayurvedic के माध्यम से हम जोडों और घुटने के दर्द से राहत पाने के घरेलू नुस्खे और आयुर्वेदिक उपचार के आसान तरीके बता रहे है। इन देसी उपायों के प्रयोग से आप गठिया जैसी बीमारी से भी छुटकारा पा सकते है।
गठिया का घेरलू और रामबाण इलाज :
- चुना : गेहूँ के दाने के बराबर मात्रा में चुना हर रोज सुबह खाली पेट 1 कप दही में या पानी मे मिला कर 3 महीने तक लगातार खाने से कैसा भी गठिया हो ठीक हो जाता है। जिन लोगों को पथरी की समस्या हो वो चुने का सेवन ना करे।
- दालचीनी और शहद : एक चम्मच दालचीनी पाउडर और दो चम्मच शहद दिन में 2 बार 1 गिलास गुनगुने पानी के साथ पिए। जिन लोगों को गठिया के कारण चलने फिरने में मुश्किल होती है उन्हें 30 दिनों के प्रयोग में ही काफी pain relief मिलने लगेगा।
- तिल : 1/4 कप पानी में तिल को रातभर भिगोकर रख दें। सुबह खाली पेट इस पानी को भीगे हुए बीजों के साथ ही पी लें। यह उपचार जोड़ों के दर्द में अत्यंत लाभकारी होता है।
- गठिया में हारसिंगार (पारिजात) की पत्तियाँ : पारिजात पेड़ के पांच पत्ते तोड़ के पत्थर में पिस ले और चटनी बनाइये फिर एक ग्लास पानी में इतना गरम कीजिये की पानी आधा हो जाये फिर इसको ठंडा करके पीजिये तो बीस-बीस साल पुराना गठिया का दर्द ठीक हो जाता है।
- हारसिंगार (पारिजात) घुटनों की चिकनाई लाए: अगर घुटनों की चिकनाई (Smoothness) हो गई हो और जोड़ो के दर्द में किसी भी प्रकार की दवा से आराम ना मिलता हो तो ऐसे लोग हारसिंगार (पारिजात) पेड़ के 10-12 पत्तों को पत्थर पे कूटकर एक गिलास पानी में उबालें-जब पानी एक चौथाई बच जाए तो बिना छाने ही ठंडा करके पी लें- इस प्रकार 90 दिन में चिकनाई पूरी तरह वापिस बन जाएगी। अगर कुछ कमी रह जाए तो फिर एक माह का अंतर देकर फिर से 90 दिन तक इसी क्रम को दोहराएँ निश्चित लाभ की प्राप्ति होती है।
- केला : केला विटामिन B का मुख्य स्रोत है और विटामिन B गठिया के उपचार में असरदार माना जा चुका है। गठिया के रोगी को उपचार के लिए 3-4 दिन तक रोजाना सिर्फ केला खिलाया जाता है। इसमें एक दिन में रोगी 7-8 केले रोजाना खाता है।
- आलू : कच्चे आलू का जूस गठिया के उपचार में सबसे कारगर है। यह सदियों से किया जाने वाला देसी उपचार है। आलू के जूस को निकालने के लिए उसे बिना छीले ही पतले-पतले टुकड़ों में काट लें। इसके बाद इन टुकड़ों को पानी से भरे एक बड़े ग्लास में रात भर के लिए ढककर रख दें। सुबह खाली पेट इस पानी का सेवन करें। निश्चित लाभ मिलेगा।
- मूंग की दाल : मूंग की दाल का सूप जोड़ों के दर्द में सीधा फायदा पहुंचाता है। इसे तैयार करने के लिए एक चम्मच मूंग की दाल को लहसुन की दो कलियों और एक कप पानी में मिलाया जाता है। इसे दिन में दो बार लेने से जल्द राहत मिलेगी।
- करेला, सहजन और नीम : करेला, सहजन की फलियां और नीम के फूल गठिया के इलाज में काफी कारगर होते हैं। इनकी सब्जी बनाकर खाएं। कोशिश करें कि इसे बहुत भुनें नहीं और अगर अधकची सब्जी हो, तो ज्यादा असरदार होगी।
किन बातों का रखे ख्याल :
- दिन की शुरुआत हलके फुल्के योगा से करे। सुबह के समय सूर्य नमस्कार और प्राणायाम करने से जोड़ों और घुटने के दर्द से छुटकारा मिलता है। गठिया का उपचार करने के लिए बाबा रामदेव के बताये योगा आसन भी कर सकते है।
हड्डियों को मजबूत करने और केल्शियम की मात्रा पूर्ति के लिए ये उपाय आज़माएँ :
- बादाम : बादाम खाने से जोडों का आउटर मेंबरेन खराब होने से बचा रहता है। इसमें विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट होता है जो कि सूजन और दर्द से बचाता है।
- पपीता : पपीते में ढेर सारा विटामिन सी होता है। रिसर्च में पाया गया है कि जिन लोगों के अदंर विटामिन सी की कमी होती है उनमें जोड़ो का दर्द आम बात है।
- सेब : सेब खाने से आप जोड़ों के दर्द तथा उसकी क्षतिग्रस्त से बच सकते हैं। सेब जोडों में कोलाजन बनाने में मदद करता है जो कि घुटने को झटके लगने से बचाता है। जिससे घुटने खराब नहीं होते।
- ब्रॉकली : यह शरीर से फ्री रैडिकल्स को बाहर निकालती है जिसकी वजह से जोड क्षतिग्रस्त नहीं होते। इनमें काफी मात्रा में कैल्शियम होता है जिससे जोड़ों में मजबूती आती है।
- काली बींस : यह मैग्नीज और अन्य तत्व से भरा हुआ होता है, जो जोडों के स्वास्थ्य के लिये बहुत जरुरी है। इसमे एंथोकायनिन्स होता है जो कि एक एंटीऑक्सीडेंट होता है। यह शरीर से फ्री रैडिकल्स को बाहर निकालता है और जोडों को खराब होने से रोकता है।
- एक्सट्रा वर्जिन ऑइल : इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है जो कि जोडों के दर्द को दूर करता है। इसी की तरह से आप अखरोट का तेल भी प्रयोग कर सकते हैं। अलसी भी इसका एक बहुत अच्छा स्त्रोत है।
- ग्रीन-टी : यह जोड़ों के कार्टिलेज को क्षतिग्रस्त होने से रोकता है। ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट होता है जिससे फ्री रैडिकल्स हड्डियों को नुकसान नहीं पहुंचा पाते। रोजाना एक कप ग्रीन टी आपको जोड़ों के दर्द से बचा सकते हैं।
- अदरक : इसमें एक तत्व पाया जाता है जो तुरंत ही दर्द और सूजन को दूर करता है। आप चाहें तो इसकी चाय या फिर इसे भोजन में डाल कर पका सकती हैं।