तीतरों। यूपी के सहारनपुर जिले में दिवाली के दिन गिलास रखकर पटाखा फोड़ने एक बच्चे को भारी पड़ गया। पटाखा फटने के बाद गिलास के टुकड़े से बच्चे का गला कट गया, जिससे उसकी मौत हो गई। घटना मोहल्ला महाजनान की है। यहां के रहने वाले अशोक कुमार अरोड़ा कस्बे के मैन बाजार में सब्जी की दुकान करते हैं। दीपावली की रात घर से बीस मीटर दूर बच्चे गली में पटाखे फोड़ रहे थे। इसी बीच एक बड़े पटाखे के ऊपर स्टील का गिलास रखकर छुड़ाया जा रहा था, ताकि यह पता चल सके कि गिलास कितना ऊपर जा सकता है। पटाखा छुड़ाने के दौरान गिलास फट गया और पास खड़े अशोक कुमार के बेटे 10 वर्षीय वंश के गले को चीरता हुआ उसे लहूलुहान कर गया। वंश अपने घर के समीप पहुंचा। परिजनों गंभीर हालत में चिकित्सक के यहां ले गए, लेकिन मौत हो गई।
घर भेजने वाली घड़ी पर पछता रहे परिजन
10 वर्षीय वंश के पिता अशोक कुमार सब्जी तथा भाई शिवम जनरल स्टोर की दुकान करते हैं। रोजाना की तरह वंश अपने भाई तथा पिता की दुकान को रात के समय बढ़ाने का काम करता था। मौत से कुछ समय पहले भी भाई शिवम ने उसे घर पर सामान लेकर भेज दिया और कहा कि वह तुरंत वापस आ जाये लेकिन, उन्हें वंश के घायल होने की सूचना मिली तो वह इसके बाद घर की ओर दौड़ पड़े। इसके बाद कुछ समय पश्चात वंश की मौत हो गई। अशोक कुमार शिवम ने बताया कि काश वह अपने साथ ही उसे ले जाते तो हादसा न होता।
शामली में कर रहा था पढ़ाई
वंश जनपद शामली के गांव कच्ची गढ़ी में पढ़ाई करता था। वह कक्षा तीन का छात्र था। गमगीन माहौल के बीच सुबह के समय वंश का दाह संस्कार किया गया। मासूम की मौत से परिजनों में कोहराम मचा है।
सोशल मीडिया कंटेंट ने ले ली मासूम की जान
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देखे जाने वाले कंटेंट एक्सपेरिमेंटल दिमाग पर भारी पड़ रहे है। वंश के साथ भी ऐसा ही हुआ। आजकल युवा तथा बच्चे बम फोड़ने के दौरान मिट्टी के बर्तन तथा गिलास आदि का इस्तेमाल कर रहे है ताकि बम की आवाज तेज सुनाई दे लेकिन, इस दौरान सावधानी नहीं बरती जाती है जिसके परिणामस्वरूप दुर्घटना हो जाती है। बम फोड़ने के दौरान गिलास कितना ऊपर जाता है यह देखने के लिये बम के ऊपर गिलास रखा गया लेकिन सावधानी हटी दुर्घटना घटी। बम के ऊपर गिलास रखा गया तो गिलास तेज प्रेशर के कारण चौड़ा हो गया ।
सहारनपुर एसपी ग्रामीण सागर जैन ने बताया, आतिशबाजी के दौरान गिलास फटने से बच्चे की मौत की खबर परिजनों की ओर से पुलिस को नहीं दी गई। परिजनों को बिना सूचना दिये अंतिम संस्कार कर दिया।