भारत देश की बात करें तो ये एक ऐसा देश है जहाँ धर्म में लोगों का विश्वास सबसे ज्यादा है. खासकरके हिन्दू धर्म को मानने वाले लोगों में अपने धर्म और अपने सभी देवी देवताओं की ख़ास अहमियत है.
कहा जाता ही की हिन्दू धर्म में करीबन 84 लाख देवी देवता है और यहीं कारण है की यहाँ हर गली नुक्कड़ पर आपको किसी ना किसी देवता का मंदिर देखने को मिल ही जाता है.
लेकिन जहाँ एक तरफ लोगों में कुछ हद तक अंधविश्वास है वहीं काफी हद तक विज्ञान भी ईश्वर के चमत्कारों के आगे नतमस्तक है. आज हम आपको एक ऐसे हनुमान जी के मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ की ये मान्यता है की यदि कोई भी बीमार व्यक्ति यहाँ आकर सिर्फ पांच परिक्रमा पूरी कर ले तो हनुमान जी उसके सभी दर को हर लेते हैं.
आपको बता दें की हनुमान जी का ये चमत्कारी मंदिर मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित भिंडे जिले के दंदरौवा गावं में है. आपको जानकार हैरानी होगी लेकिन यहाँ स्थित हनुमान जी के मंदिर की महिमा के बारे में इस गावं के लोगों का कहना है की यहाँ अगर कोई भी बीमार व्यक्ति चला जाए और पांच परिक्रमा पूरी करके मंदिर का विभूत लगा लें तो उनके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.
इस गावं के लोगों का मानना है की याहं हनुमान जी खुद भक्तों को दर्शन देते हैं और डॉक्टर के वेश में आकर मरीजों का इलाज करते हैं. इस गावं के बहुत से कैंसर पीड़ित लोगों का कहना है की उनकी बीमारी हनुमान जी ने हर ली और उन्हें जीवनदान दिया जिस वजह से आज वो अपनी जिंदगी पूरी तरह से निरोग होकर बीता रहे हैं. इस मंदिर में स्थापित हनुमान जी की ऐसी कृपा है की यहाँ पूरे देश से लोग अपनी गंभीर बीमारी से छुटकारा पाने हनुमान जी के चरणों में आते हैं.
इस प्राचीन मंदिर के बारे में ऐसा कहना है की ये मंदिर करीबन तीन सौ साल पुरानी है और यहाँ स्थित एक नीम के पेड़ के नीचे से हनुमान की गोपी वेश में मूर्ती मिली थी जो की आज भी यहाँ के मंदिर में स्थापित है. आपको बता दें की सम्पूर्ण हिन्दुस्तान में केवल यहीं हनुमान जी का एकमात्र मंदिर है जहाँ आपको हनुमान जी के नृत्य अवतार में मूर्ती देखने को मिलेगी.
इसके आलवा यहाँ हनुमान जी के चमत्कारों की बात करें तो ऐसी मान्यता है की इस मंदिर में करीबन सालों पहले एक साधू रहता था जो की कैंसर रोग से ग्रसित था और एक दिन उसने देखा की हनुमान जी खुद डॉक्टर के वेश में आकर उसका इलाज कर रहे हैं और महज विभूति लगा देने से ही उसके सभी कष्ट भी दूर होगये.
इस प्राचीन हनुमान मंदिर को पहले लोफ दर्दहरौआ मंदिर के नाम से भी जानते थे यानि की दर्द हरने वाला लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर दर्दरौआ कर दिया गया. आज भी इस प्राचीन मंदिर में देश के कोने कोने से लोग गंभीर से गंभीर बीमारी से पीड़ित होने वाबजूद भी आते हैं सिर्फ इस उम्मीद में की हनुमान जी उनके भी सभी दर्द हर लें.