हरियाणा में काउंटिंग के बाद भी कैसे फुल थी EVM की बैटरी? चुनाव आयोग ने कांग्रेस को भेजा जवाब

How was the battery of EVM full even after counting in Haryana? Election Commission sent a reply to Congress

चुनाव आयोग (EC) ने हाल ही में हुए हरियाणा विधानसभा चुनावों में मतगणना में अनियमितताओं के कांग्रेस के आरोपों को मंगलवार को खारिज कर दिया। इससे पहले कांग्रेस ने 8 अक्टूबर को हरियाणा में वोटों की गिनती के दौरान 20 निर्वाचन क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की बैटरी लाइफ के बारे में चिंता व्यक्त की थी। कांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कुछ कांग्रेस उम्मीदवारों का कहना है कि पार्टी 60-70% बैटरी चार्ज वाली ईवीएम पर जीत रही है, लेकिन 99% बैटरी चार्ज दिखाने वाली ईवीएम पर हार रही है।

कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने 9 अक्टूबर को अपनी चिंताओं से अवगत कराने के लिए चुनाव आयोग से मुलाकात की और 11 अक्टूबर को एक ज्ञापन सौंपा। शिकायतों में ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप शामिल थे। कांग्रेस का पहला सवाल यह था कि मतदान और मतगणना के बाद भी ईवीएम की बैटरी 99% कैसे हो सकती है?

चुनाव आयोग ने क्या जवाब दिया?
प्रत्येक रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) और हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी से रिपोर्ट मांगने के बाद चुनाव आयोग ने मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एक पत्र लिखकर कांग्रेस के आरोपों का जवाब दिया। इस पत्र में चुनाव आयोग ने कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताते हुए स्पष्ट रूप से नकार दिया।

चुनाव आयोग ने कहा कि जिन 26 निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस उम्मीदवारों ने शिकायत दर्ज कराई थी उन सभी के आरओ को किसी भी तरह की गड़बड़ी का सबूत नहीं मिला। ईसी ने कहा कि इन आरओ ने ईवीएम से संबंधित महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं के दौरान कांग्रेस उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति भी दर्ज की थी। मतदान से छह से आठ दिन पहले उनकी कमीशनिंग और ईवीएम की नियंत्रण इकाइयों में नई बैटरी लगाने से लेकर मतदान और मतगणना के बाद ईवीएम को सील करने तक में ये सभी लोग शामिल थे।

चुनाव आयोग ने कांग्रेस द्वारा उठाए गए कुछ सवालों के जवाब देने के लिए अपनी वेबसाइट पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू) को भी अपडेट किया। इससे पहली बार ईवीएम में इस्तेमाल की जाने वाली बैटरियों और ईवीएम की डिस्प्ले यूनिट पर बैटरी प्रतिशत का क्या मतलब है? इसकी भी जानकारी दी गई है।

एल्कलाइन सेल का विकल्प
ईवीएम और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) दोनों की कंट्रोल यूनिट अपने पावर स्रोत के रूप में गैर-रिचार्जेबल एल्कलाइन सेल का उपयोग करती है। ये प्राथमिक सेल मोबाइल फोन जैसे उपकरणों में इस्तेमाल होने वाले सेकेंडरी या रिचार्जेबल सेल से अलग होते हैं। इन्हें बार-बार चार्ज करने की जरूरत होती है। ईवीएम कंट्रोल यूनिट में पांच सिंगल-यूज एल्कलाइन सेल का पावर पैक होता है। इसकी शेल्फ-लाइफ पांच साल होती है। वीवीपीएटी में 30 ऐसे सेल होते हैं। सिस्टम को 5.5 वोल्ट (V) से 8.2V के पावर पैक का उपयोग करने के लिए डिजाइन किया गया है।

मतदान के बाद ईवीएम 99% चार्ज क्यों दिखे
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि कंट्रोल यूनिट के डिस्प्ले पर दिखाए गए 99% का मतलब यह नहीं है कि बैटरी वास्तव में 99% चार्ज है। जब बैटरी वोल्टेज 8.2V और 7.4V के बीच गिरता है तो डिस्प्ले 99% दिखाता है। यह केवल तभी होता है जब यह 7.4V से नीचे चला जाता है। 5.8V से कम वोल्टेज पर डिस्प्ले “बैटरी बदलें” संकेत दिखाता है। 5.5V से नीचे पर ईवीएम काम करना बंद कर देता है।

चुनाव आयोग ने कहा कि ईवीएम मोबाइल फोन के विपरीत लंबे स्टोरेज अवधि के दौरान किसी भी बिजली की खपत नहीं करता है।

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