एक सामान्य व्यक्ति हवाई जहाज में सफर करने की तमन्ना रखता है क्योंकि एक सामान्य व्यक्ति के लिए हवाई जहाज का सफर थोड़ा खर्चीला लगता है। दरअसल हवाई जहाज में सफर करने के लिए पैसा काफी ज्यादा लगता है।
इसलिए सामान्य व्यक्ति बस या ट्रेन पर ही सफर करते हैं। ऐसे में हर कोई ट्रेन के टॉयलेट की गंदगी के बारे में बाकी होती है कि उसकी गंदगी ट्रेन के ट्रैक पर ही चली जाती है। लेकिन हर व्यक्ति के मन में यह सवाल जरूर उठता है कि आखिर हवाई जहाज की टॉयलेट की गंदगी कहां जाती होगी।
किसी को लगता है कि उड़ते हुए हवाई जहाज से ही नीचे गिर जाती है तो किसी को लगता है कि हवाई जहाज जब खड़ी होती है तो वर्कर इसे साफ करता है, लेकिन किसी को इसकी सच्चाई मालूम नहीं होती है। तो इसकी सच्चाई क्या है आइए इस लेख के माध्य से जानते है।
हवाई जहाज की सच्चाई?
हवाई जहाज में यात्रियों के मल मूत्र के लिए 200 गैलन का एक टैंक होता है जिसमें यात्रियों का मल मूत्र एकत्र होता है आपको यह भी जान लेना चाहिए कि पिछले 30 साल से हवाई जहाज में वैक्यूम टॉयलेट का इस्तेमाल किया जाता है।
इस बैकुम टॉयलेट में ऐसी व्यवस्था होती है कि जो पानी को एक तरफ और ठोस मल को एक तरफ यानी दोनों को अलग कर देती है और फिर मल जहाज में नीचे लगी 200 लीटर टैंक में मिल जाता है। असल में देखा जाए तो यह बात बहुत ही कम लोगों को पता होती है।
यह 200 लीटर का टैंक हर हवाई उड़ान के बाद एयरपोर्ट पर खुलकर खाली कर दिया जाता है। यह टैंक बाहर की तरफ खुलता है और इस कार्य को कंपनी द्वारा तैनात कर्मचारी बहुत ही तेजी से करते हैं। इसकी सफाई कर्मचारी हर हवाई अड्डे पर करती है और इस कार्य के लिए इन्हें अच्छी सैलरी भी दी जाती है। अब शायद आपको साफ साफ पता चल गया होगा कि आखिर हवाई जहाज की गंदगी जाती कहां है। इसे भी जरूर पढ़ें –