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हार्ट अटैक से पहले महिलाओं में दिखते हैं ये 5 संकेत, शुरुआत में ही अलर्ट रहें….

हार्ट अटैक से पहले महिलाओं में दिखते हैं ये 5 संकेत, शुरुआत में ही अलर्ट रहें….
हार्ट अटैक से पहले महिलाओं में दिखते हैं ये 5 संकेत, शुरुआत में ही अलर्ट रहें….

Heart Attack Signs in Women: दिल की धड़कने थमने का मतलब है कि जिंदगी का थम जाना। हार्ट अटैक इसका सबसे बड़ा कारण है। किसी इंसान को हार्ट अटैक तब आता है जब उसके दिल में ब्लड फ्लो कम होने लगता है या फिर तब, जब हार्ट के ब्लड सर्कुलेशन में रुकावटें पैदा होने लगती हैं। इस रुकावट का मुख्य कारण है कोलेस्ट्रॉल और बैड फैट्स का जमा होना। यह जमा पदार्थ ब्लड फ्लो में रुकावट डालता है और हार्ट अटैक का कारण बनता है।

हार्ट अटैक के बढ़ते मामले

पिछले कुछ समय से हार्ट अटैक के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। युवाओं, महिला और बच्चों को भी हार्ट अटैक आने लगा है। ऐसे में आज जानते हैं महिलाओं में हार्ट अटैक होने के क्या संकेत होते हैं, जिन्हें समय रहते समझा जा सकता है।

महिलाओं में हार्ट अटैक के मुख्य 5 लक्षण होते हैं

चेस्ट पेन

हालांकि, छाती में दर्द महसूस होना, दोनों पुरुषों और महिलाओं में एक कॉमन संकेत होता है। इसे समझना काफी आसान होता है, हार्ट अटैक आने से पहले महिलाओं को दिल के पास भारीपन, तनाव और प्रेशर महसूस होता है। इस परिस्थिति को मेडिकल भाषा में एनजाइना कहते हैं। एनजाइना का मतलब सीने में दर्द, दबाव और बेचैनी है। अगर आपको ऐसा महसूस हो रहा है तो तुरंत किसी डॉक्टर से परामर्श लें।

बेहोशी होना

महिलाओं को हार्ट अटैक आने से पहले फेंटिंग यानी बेहोशी और चक्कर आने का संकेत मिलता है। बेहोशी और चक्कर आने के साथ-साथ जी मिचलाना और उल्टी आने की भावना होना भी कॉमन है। बेहोशी किसी और बीमारी का भी संकेत हो सकती है, मगर चेस्ट पेन के साथ ऐसा महसूस करना हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है।

सांस लेने में दिक्कत

अगर सीने में दर्द के साथ आपको सांस लेने में कोई भी तकलीफ महसूस हो रही है तो यह भी हार्ट अटैक आने का संकेत हो सकता है। सांस लेने में समस्या होना एक गंभीर संकेत है, इसलिए अगर आपको भी कभी ऐसा महसूस हो रहा है तो डॉक्टर के पास जरूर जाएं।

घबराहट

एंग्जाइटी एक अन्य बीमारी है, मगर महिलाओं को हार्ट अटैक आने से पहले ऐसा संकेत मिलता है, जिसमें वे डिस्कंफर्ट फील करती हैं। इसके साथ-साथ उन्हें ठंडे पसीने भी आने लगते हैं।

असंतुलित माइंड

इसे मेडिकल भाषा में एम्प्टी हेड कहते हैं। महिलाओं को हार्ट अटैक से पहले ऐसा संकेत मिलता है, जिसमें वे किसी भी काम में अपने दिमाग नहीं लगा पाती हैं। उनका ब्रेन सोचने-समझने की क्षमता को खोने लगता है। वे क्या कर रही हैं, उन्हें यह भी समझ नहीं आ रहा होता है।

हार्ट अटैक की जांच के लिए कौन से टेस्ट करवाने चाहिए?

अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होता है तो अपने डॉक्टर को इस बात की जानकारी दें, वे आपके कुछ टेस्ट करवाएंगे, जिनमें 2 प्रमुख टेस्ट ये हैं:

ईसीजी (ECG)
ECG, हार्ट के प्रमुख जांचों में से एक टेस्ट है। ईसीजी से दिल की धड़कनों की गति की जांच होती है। ईसीजी में शरीर के अलग-अलग अंगों जैसे छाती, पैरों और हाथों पर प्लास्टिक पैच लगाकर इलेक्ट्रिकल मशीन के जरिए गतिविधि को रिकॉर्ड किया जाता है।

ट्रोपोनिन टेस्ट
यह टेस्ट हार्ट में बढ़े हुए प्रोटीन की मात्रा की जांच करता है। दिल का दौरा पड़ने पर या उसका कोई लक्षण महसूस होने पर इस टेस्ट को करवाया जाता है। यह टेस्ट हार्ट को कोई नुकसान पहुंचा है या नहीं, इस बात की पुष्टि करता है।

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