अब इस आतंकी हमले के संबंध में चश्मदीदों ने कुछ खुलासे किए हैं। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के रहने वाले संतोष कुमार वर्मा ने बताया कि वो लोग शिवखोड़ी में दर्शन के बाद वो कटरा की ओर जा रहे थे, जब बस ऊपर से नीचे उतर रही थी तभी एक आतंकवादी बीच सड़क पर फायरिंग शुरू कर दी। इस बीच ड्राइवर को एक गोली लग गई और बस अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। इस दौरान सामने खड़े होकर एक आतंकी ने करीबन 20 मिनट तक गोली चलाई थी। बाकी आतंकी इधर-उधर से फायरिंग कर रहे थे।
चश्मदीदों के अनुसार, आतंकी 5-6 मिनट रुकते थे और फिर से फायरिंग करनी शुरू कर देते थे। उन्होंने ऐसा तब तक किया जब तक बस गिरी नहीं। गोंडा की नीलम गुप्ता कहती है कि बस में 40 लोग थे, बच्चे भी थे। हमारे हाथ-पैर में चोट आई है। साथ में पति और ननद-नंदोई भी है। वहीं नीलम गुप्ता का बेटा पल्लव इस घटना पर कहता है- पता नहीं गोलियाँ किसने चलाई थी, लेकिन जब बस खाई में गिरी तो मेरा सिर सीट के नीचे आ गया था, डैडी ने मुझे निकाला।
तीर्थ यात्रियो के अनुसार, 6-7 आतंकियो ने उनपर हमला किया था। उनके चेहरे नकाब से ढके थे। शुरू में उन्होंने बस को खाई में गिराने के लिए गोलीबारी की। बाद में जब सब गिर गए तो वो इसलिए गोली चलाते रहे कि सारे लोग मर जाएँ। तीर्थ यात्री बताते है कि वो लोग एक दम चुप हो गए थे ताकि आतंकियों को पता न चले कि वो लोग जिंदा हैं। कुछ समय बाद स्थानियों और सुरक्षाकर्मियों ने आकर उन्हें बचाया।
इस घटना के बारे में सुनने के बाद हर कोई सिर्फ यही कह रहा है कि श्रद्धालुओं पर हमला सिर्फ इसलिए हुआ क्योंकि वो हिंदू थे। ये भी कहा जा रहा है कि जानबूझकर 9 जून को ये हमला हुआ क्योंकि इसी दन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार पीएम बनने की शपथ ले रहे थे।
बता दें कि घटना में मरने वाले वाले अधिकतर यूपी के रहने वाले थे। इनमें तीन महिला और एक बच्चे की भी मौत हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना की जानकारी होने पर स्थिति का जायजा लिया और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को स्थिति पर लगातार निगरानी रखने के लिए कहा। वहीं केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि वह तीर्थ यात्रियों पर हुए हमले में शामिल आतंकियों को बख्शेंगे नहीं।