गुरुग्राम. साइबर पुलिस ने गुरुग्राम के सोहना में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है. ऑपरेशन एंडगेम के तहत रात में छापेमारी की कार्रवाई की गई. फर्जी कॉल सेंटर फ्लोरा एवेन्यू सोसायटी के दो फ्लैट में चल रहा था. पुलिस ने मौके से चार महिलाओं समेत 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया. आरोपी देश के आठ राज्यों गुजरात बंगाल मणिपुर नागालैंड मिजोरम जम्मू-कश्मीर उत्तर प्रदेश दिल्ली और पड़ोसी देश नेपाल के रहने वाले हैं. आरोपी अंग्रेजी बोलते थे और तकनीकी सहायता देने के नाम पर दूसरे देश के नागरिकों से ठगी करते थे. आरोपियों के कब्जे से 25 फोन, 16 लैपटाप और 50 हजार रुपये नकद बरामद किए गए. कार्रवाई इंस्पेक्टर मदन लाल के नेतृत्व में की गई.
जानकारी के मुताबिक, साइबर क्राइम साउथ पुलिस स्टेशन की टीम ने रात में फ्लोरा एवेन्यू 33 सोसायटी के फ्लैट ए-20, 21 और 22 पर छापेमारी की और फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया. जांच में सामने आया कि अहमदाबाद निवासी महेंद्र बजरंग सिंह इस कॉल सेंटर का मैनेजर था. वही यह अपने साथियों और कुछ कर्मचारियों के साथ मई 2024 से फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था.
आरोपी वेंडर के जरिये दूसरे देश के नागरिकों के कंप्यूटर में पाप-अप भेजते थे. इसी पॉप-अप में टोल फ्री नंबर होता था. टोल फ्री नंबर पर कॉल करने पर वीओआइपी ऐप के जरिये कॉल इनके कॉल सेंटर पर आती थी. आरोपी खुद को नामी कंपनी का टेक्नीशियन बताकर समस्या दूर करने के लिए उनके सिस्टम में अल्ट्रा व्यूवर एप डाउनलोड करवा कर रिमोट एक्सेस प्राप्त कर लेते थे. फिर कस्टमर को बताते थे कि हैकर ने उनका कंप्यूटर हैक कर लिया है. इस समस्या को दूर करने के नाम पर सौ से पांच डालर तक के गिफ्ट कार्ड ले लेते थे. दूसरे देशों में बैठे अन्य साथियों से गिफ्ट कूपन को क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांसफर करवा लेते थे.
पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया उनमें महेंद्र बजरंग सिंह (अहमदाबाद), आशीष ओझा (दार्जिलिंग), मिनलुन (चुराचांदपुर, मणिपुर), विखोमबोउ चवांग और मिनबैते (इंफाल), अमोर अबोनमई, अथिहरी लोहड़ी, कांगपोकपी, विदानवांग और नामचुंबो (नागालैंड) किफिने, अचेले, लुंगलेई (मिजोरम), के. लालबिक्जुअली, श्रेया, मनीष (अलीगढ), मोनू कुमार (दिल्ली), रमेश गुरुंग, विनोद शर्मा, शिव बहादुर थापा (नेपाल) के नाम शामिल हैं.