एक पिलर पर अभी तक टिका हुआ ये अद्भुत मंदिर, ये भी टूटा तो हो जाएगा कलयुग का अंत!

 

एक पिलर पर अभी तक टिका हुआ ये अद्भुत मंदिर, ये भी टूटा तो हो जाएगा कलयुग का अंत!

Mysterious temple:  दुनिया में आज भी ऐसे कई रहस्य मौजूद हैं जिन्हे सुलझाने का प्रय़ास करते करते विज्ञान ने भी हार मान ली लेकिन फिर भी वो आज तक सुलझ नहीं पाए। भारत के कई मंदिर इस प्रकार के रहस्यों से भरे हुए हैं, लेकिन महाराष्ट्र का एक मंदिर ऐसा है जिसका सीधा संबंध इस दुनिया के खात्मे से है और इसके रहस्य को सुलझाने के प्रयास में विज्ञान ने भी अपने हाथ खड़े कर लिए हैं। बाताया जाता है कि इस मंदिर में एक ऐसा पिलर है जो कलियुग को दर्शाता है और उस पिलर के गिरने से कलियुग का अंत हो जाएगा।

Mysterious Temple

हम जिस रहस्यमयी मंदिर की बात कर रहे हैं उसका नाम है केदारेश्वर मंदिर जो की महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में हरिश्चंद्रगढ़ किले पर स्थित है। यह मंदिर कब बना था इसकी तो कोई सटीक जानकारी नहीं मिलती है लेकिन बताया जाता है कि ये 5000 वर्षों से भी कई हजार वर्ष पुराना है। इस मंदिर की सबसे रहस्यमयी (Mysterious temple) बात ये है कि ये मंदिर तकरीबन 5000 सालों से केवल एक ही पिलर पर टिका हुआ है। बताया जाता है कि शुरूआती दौर में इस मंदिर में पूरे चार पिलर थे लेकिन अब इसमें केवल एक ही पिलर रह गया है और पूरा मंदिर इस एक पिलर के सहारे पर ही हजारों वर्षों से खड़ा है। .

पिलर टूटते ही दुनिया हो जाएगी खत्म

Mysterious Temple

कई वैज्ञानिक इस मंदिर पर शोध कर चुके हैं और ये जानने का प्रयास करते रहे हैं कि आखिर एक पिलर पर एक विशाल मंदिर कैसे टिक सकता है। लेकिन हर बार वैज्ञानिकों के हाथ खाली ही रहे। स्थानिय लोगों का मानना है कि शुरूआती दौर में मंदिर के चार पिलर चार युगों- सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग, और कलियुग का प्रतिनिधित्व करते थे। लेकिन समय के साथ साथ तीन पिलर यानी की तीन युगों का अंत हो गया और अब अंतिम पिलर बचा है इसके गिरते ही कलियुग भी खत्म हो जाएगा।

पिलर के अलावा इस मंदिर में एक अनोखा (Mysterious temple) जलाशय कुंड भी मौजूद है, जिसमें साल के 12 महीनों में पानी भरा रहता है। साथ ही इसमें गर्मियों में ठंडा और सर्दियों में गर्म पानी भरा रहता है।

इस मंदिर में शिव दिखाते हैं चमत्कार

Mysterious Temple

इस मंदिर में भगवान शिव का चमत्कार (Mysterious temple) भी देखने को मिलता है। दरअसल मंदिर में स्थित कुंड के बीच में लगभाग पांच फीट का शिवलिंग है। इस शिवलिंग तक पहुंचने के लिए लोगों को कुंड में उतरना होता है, अब चूंकी 12 महीनें कुंड में पानी लबालब भरा रहता है तो ऐसे में शिवलिंग तक पहुंचने पर आधा शरीर पानी में चला जाता है। लेकिन इसी बीच बरसात के मौसम में दिखता है शिव का चमत्कार।

बरसात के मौसम में कुंड में पानी का स्तर बढ़ जाता है लेकिन इस पानी से शिवलिंग नहीं डूबता बल्कि वो अपने आप ऊपर उठ जाता है। इस प्रकार के चमत्कारों के कारण इस मंदिर में लोगों की काफी आस्था है और मीलों मीले से लोग इस मंदिर के दर्शन करने लिए आते हैं।

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