15 सितंबर को रात करीब 1 बजे अंकिता अपने बॉयफ्रेंड सेना के मेजर गुरुवंत सिंह के साथ अपना रेस्टोरेंट बंद करके घर लौट रही थी। घर लौटते समय एक गाड़ी में सवार कुछ बदमाशों ने अंकिता की कार का पीछा किया और धमकी भरे कमेंट किए।भुवनेश्वर : ओडिशा हाईकोर्ट द्वारा अंकिता को जमानत पर रिहा किए जाने के बाद उसने पहली बार भरतपुर पुलिस स्टेशन में अपनी आपबीती सुनाई।
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युवती ने आरोप लगाया कि इंस्पेक्टर दीनकृष्ण मिश्रा ने पुलिस स्टेशन में उसके साथ यौन उत्पीड़न करने का प्रयास किया।
सेना के मेजर की मंगेतर अंकिता प्रधान द्वारा लगाए गए आरोपों को अगर सही पाया जाता है तो भरतपुर पुलिस स्टेशन के कर्मियों की अमानवीय हरकतें सारी हदें पार कर गई हैं।
- अपनी जान को खतरा होने के कारण अंकिता और उसके दोस्त शिकायत दर्ज कराने भरतपुर पुलिस स्टेशन गईं। पुलिस स्टेशन में नाइटी पहने एक महिला कांस्टेबल मौजूद थी और वहां कोई और नहीं था। अंकिता और उसके दोस्त ने बदमाशों के बारे में बताया और शिकायत दर्ज करवाना चाहा। लेकिन महिला कांस्टेबल ने उन्हें एफआईआर दर्ज करवाने से मना कर दिया।
- अंकिता ने कहा कि आप शिकायत दर्ज करवाने से मना नहीं कर सकते, क्योंकि हमारी जान को खतरा है। अंकिता ने कहा महिला कांस्टेबल से यह भी कहा कि मैं वकील हूं। मेरे तमाम अनुरोधों के बावजूद उन्होंने शिकायत दर्ज नहीं करवाई। इसी बीच पुलिस स्टेशन में गश्ती वाहन आ गया और वहां और पुलिसकर्मी पहुंच गए,” अंकिता ने कहा। शुरू में पुलिसकर्मियों ने गुरुवंत को लिखित शिकायत दर्ज करवाने की अनुमति दी। लेकिन अचानक उन्होंने उसे पुलिस हिरासत में ले लिया।
- अंकिता ने आरोप लगाया, “मैंने पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया। इसके बाद दो महिला पुलिसकर्मियों ने मुझे बालों से घसीटा और पीटा। मैंने पूरी ताकत से उसका मुकाबला किया। जब महिला कांस्टेबल ने मेरा गला घोंटने की कोशिश की, तो मैंने खुद को बचाने के लिए उसे काट लिया।”
- एक महिला पुलिसकर्मी और एक पुरुष कांस्टेबल ने युवती के हाथ उसकी जैकेट से बांध दिए। दूसरी महिला कांस्टेबल ने अंकित के पैर दुपट्टे से बांध दिए और उसे एक कमरे में बंद कर दिया। उसकी दरिंदगी यहीं खत्म नहीं हुई। उसने आरोप लगाया, “कुछ मिनट बाद एक पुरुष पुलिसकर्मी कमरे में घुसा और मेरे अंडरगारमेंट खोलकर मुझे लात मारने लगा।”
- अंकिता ने बताया, “अगले दिन सुबह आईआईसी थाने पहुंचा। उसने अपनी पैंट खोली और मेरा यौन शोषण करने लगा, जबकि मैं मदद के लिए चिल्ला रही थी।” इस मामले से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए उड़ीसा उच्च न्यायालय ने भरतपुर पुलिस थाने में युवती के साथ पुलिसकर्मियों के दुर्व्यवहार पर चिंता जताई। उच्च न्यायालय ने भरतपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई अंकिता को जमानत दे दी।