घर में मरा पड़ा था बेटा, लाश के साथ रहते थे अंधे मां-बाप, बदबू सूंघकर आई पुलिस तो…

घर में मरा पड़ा था बेटा, लाश के साथ रहते थे अंधे मां-बाप, बदबू सूंघकर आई पुलिस तो…

श्रवण कुमार की कहानी याद कीजिए, जो अपने दृष्टिबाधित माता-पिता को तीर्थ यात्रा पर ले जाने के लिए निकला था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। ऐसा ही एक दिल दहला देने वाला मामला तेलंगाना से भी सामने आया है। बताया जा रहा है कि आंखों की रोशनी खो चुके एक बुजुर्ग दंपत्ति को इस बात का पता भी नहीं चला कि उनके घर में उनके बेटे की लाश पड़ी है। जैसे ही पुलिस को इस बात की सूचना मिली तो पुलिस मौके पर पहुंची और बुजुर्ग को संभाला। फिलहाल युवक की मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है।

बेहोशी के हालत में मिले थे बुजुर्ग
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक 65 वर्षीय के शांता कुमारी, 60 वर्षीय के रमन्ना और 30 वर्षीय के प्रमोद नागोले के एक घर में रहते थे। जानकारी के अनुसार, प्रमोद अपने माता-पिता के खाने से लेकर बाकी सभी चीजों का ख्याल रखता था, लेकिन अचानक उसकी मौत हो गई। लेकिन सबसे बड़ी दुख की बात यह है कि बुजुर्ग माता-पिता को इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि, वे कई दिनों से अपने बेटे की लाश के साथ रह रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, सूचना के बाद जब पुलिस घर पहुंची तो बुजुर्ग दंपत्ति बेहोश थे और उनके मुंह से झाग निकल रहा था।

पुलिस की जांच में हुआ खुलासा
पुलिस टीम का नेतृत्व ए सूर्या नायक कर रहे थे। घर पहुंचने पर उन्हें प्रमोद की सड़ी-गली लाश पड़ी मिली। पुलिस ने बुजुर्ग को नहलाया और खाना दिया। अखबार से बातचीत में पुलिस ने कहा, ‘हमें संदेह है कि प्रमोद की मौत नींद में ही हो गई। मौत की असली वजह पोस्टमार्टम के बाद पता चलेगी।’ दरअसल, बेटे की मौत के बाद दंपती को खाना-पानी देने वाला कोई नहीं था और वे अपने पैर हिलाने की स्थिति में भी नहीं थे। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि उनका बड़ा बेटा प्रदीप सरूरनगर में रहता है। प्रदीप को घटना की जानकारी दी गई और प्रमोद के शव को अस्पताल ले जाया गया। प्रदीप के पहुंचने पर शव उसे सौंप दिया गया।

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