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बचपन में हम सभी साइकिल, बाइक, बस या कार जैसी चीजों से स्कूल जाया करते थे। आज भी कई बच्चे ऐसे ही अपने स्कूल तक पहुंचते हैं। कुछ लोग अच्छी और स्टाइलिश साइकिल, बाइक या कार से स्कूल आकर शो ऑफ करना पसंद करते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे बच्चे से मिलाने जा रहे हैं जो स्कूल पहुँचने के लिए घोड़े का इस्तेमाल करता है। ये बच्चा बड़ी शान से घोड़े पर सवार होकर रोज अपने स्कूल आता है।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में कक्षा 5वीं में पढ़ रहे मनीष यादव जब सड़कों पर से गुजरते हैं तो हर कोई उनका अंदाज देख इंप्रेस हो जाता है। वे रोजाना अपने घर से स्कूल तक का सफर घोड़े पर सवार होकर तय करते हैं। उनका ये अंदाज अन्य बच्चों को इतना पसंद आता है कि वे भी अपने माता पिता से घोड़े पर स्कूल जाने की जिद करते हैं।
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12 साल का मनीष बहुत अच्छी घुड़सवारी करता है। उसकी हाइट कम है, इसलिए वह दौड़ते हुए आता है और फटाक से उछलकर घोड़े पर चढ़ जाता है। उसे यह घुड़सवारी उसके दादा दाऊराम ने सिखाई है। उन्हीं ने अपने पोते को ये घोड़ा भी दिलाया है। मनीष के पिता अशोक यादव एक किसान है। वे खेती करते हैं। उनके पास और भी अन्य पशु हैं। इनमें भैंस गाय भी शामिल है।
अब आप में से बहुत से लोग सोच रहे होंगे कि मनीष घोड़े पर सवार होकर स्कूल क्यों जाता है? इसकी वजह कोई शो ऑफ नहीं बल्कि जरूरत है। दरअसल मनीष के घर और स्कूल के बीच का डिस्टेंस 5 किलोमीटर का है। वह बिलासपुर जिले के बेलगहना इलाके के जरगा गांव में रहता है। वह यहीं से बेलगहना के प्राथमिक स्कूल जाता है। उसके गांव से स्कूल तक का रास्ता बहुत ही कच्चा है। वहाँ सड़क नहीं बनी है।
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गांववालों का कहना है कि हमने कई बार प्रशासन से सड़क बनाने की गुहार लगाई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बारिश में रास्ते में बहुत कीचड़ हो जाता है, ऐसे में बच्चों को स्कूल जाने में बड़ी दिक्कत आती है। एक वजह ये भी है कि मनीष घोड़े की सवारी कर स्कूल जाता है।
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मनीष बीते एक महीने से ऐसे ही स्कूल आ रहा है। स्कूल आने के बाद भी वह अपने घोड़े का ध्यान रखना नहीं भूलता है। जब वह क्लास में होता है तो उसका घोड़ा स्कूल के बाहर ही चरता रहता है। जब घोड़ा चरकर लौट आता है तो मनीष उसे एक खूँटे से स्कूल के बाहर बांध देता है।
मनीष रोज सुबह 9 बजे घोड़े पर सवार होकर स्कूल के लिए निकलता है। वहीं शाम को चार बजे वापस घर लौट आता है। मनीष को अपने घोड़े की वजह से स्कूल और आसपास के लोग ज्यादा अटेंशन देते हैं। उसके अलग ठाठ बाट हैं। वैसे मनीष को भी घुड़सवारी करना पसंद है। उसे अपने घोड़े से बहुत लगाव है। वह अगले कुछ और साल इसी तरह घोड़े की सवारी करना चाहता है।