HR Breaking News, New Delhi : इनकम टैक्स भरना हर एक नागरिक का फ़र्ज़ है, और इस साल 31 जुलाई टैक्स भरने की लास्ट डेट (income tax last date) है | दिल्ली के एक शख्स ने दावा किया है कि आयकर विभाग से नोटिस मिलने के बाद उसने चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) को 50,000 रुपये का भुगतान किया। आखिर में उसे पता चला कि पूरा विवाद केवल एक रुपए को लेकर था। अपूर्व जैन नाम के यूजर ने सोशल मीडिया पर अपना किस्सा शेयर किया है। दरअसल, सोशल मीडिया पर कई लोग टैक्स फाइल करने की जटिलता पर चर्चा जता रहे थे। इस दौरान उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें एक रुपये के बदले 50 हजार देने पड़े।
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अपूर्व ने लिखा, ‘हाल ही में मुझे मिले एक आईटी नोटिस के लिए मैंने सीए को 50000 रुपये की फीस का भुगतान किया, जिसमें फाइनल विवादित मूल्य एक रुपये निकला। मैं मजाक नहीं कर रहा हूं।’ कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने इसपर हैरानी जताई तो कुछ लोगों ने जैन द्वारा सीए को फीस के तौर पर 50 हजार रुपये देने की आलोचना की। एक यूजर ने लिखा, ‘इस विभाग की स्थिति ऐसी है कि अब कुछ भी मजाक जैसा नहीं लगता।’ दूसरे यूजर ने लिखा, भाई मजाक तो तुम्हारे साथ हुआ है। बेहतर होगा कि तुम उस सीए को देखो जो किसी भी चीज के लिए 50 हजार चार्ज करता है।’
तीसरे यूजर ने लिखा, ’50 हजार रुपये बहुत ज्यादा हैं।’ वहीं जैन ने लिखा, ‘एक पोल्का-डॉटेड दुनिया की कल्पना करें जहां सिस्टम थोड़ा ज्यादा मजबूत है, बाबू थोड़े कम भ्रष्ट हैं, आम आदमी थोड़ा कम डरा हुआ है। ऐसी दुनिया में मैं 50,000 रुपये बचाने में सक्षम हो सकता हूं।’ एक यूजर ने अपूर्व जैन से विवाद की राशि बताने को कहा। उसने तर्क दिया कि अगर यह शुरू से ही 1 रुपया होता, तो वह सीए को इसमें शामिल करने की बजाय आसानी से इसका भुगतान कर देते। इसका जवाब देते हुए जैन कहा, ‘मुझे पता था कि कोई मेरी पोस्ट को सही ढंग से पढ़ेगा। शुरुआत में यह (विवाद राशि) कई लाख था।
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कब जारी होता है Income Tax नोटिस?
इनकम टैक्स (income tax) की धारा 142 (1) के तहत यह नोटिस तब जारी किया जाता है जब टैक्सपेयर्स ने टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं किया हो। या किसी बैंक इंटरेस्ट, किसी प्रॉपर्टी के बेचने पर मिले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन/लॉस से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए नोटिस (income tax notice) जारी किया जाता है। यह केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा हाल ही में जारी गाइडलाइंस का हिस्सा है।
क्यों जारी होता है इनकम टैक्स नोटिस?
आयकर अधिनियम की धारा 142(1) इनकम टैक्स अधिकारियों को रिटर्न दाखिल किए जाने की स्थिति में एक नोटिस जारी कर जानकारी मांगने का अधिकार देती है। जिन मामलों में रिटर्न दाखिल नहीं किया गया हो उन्हें तय तरीके से आवश्यक जानकारी पेश करने को कहा जाता है। इसके अलावा इनमें सर्वेक्षण के मामले, तलाशी एवं जब्ती के मामले, टैक्स इवेशन के मामले, ऐसे मामले जिनमें इन्क्वॉयरी नोटिस के जवाब में कोई आयकर रिटर्न फाइल नहीं की गई है, को कवर करते हैं।
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