Agricultural Tips: जनवरी-फरवरी में करें ये 2 सब्जियों की अगेती खेती, मार्केट में है खूब डिमांड बंपर उत्पादन के साथ हो जाएंगे मालामाल

किसानों के लिए ये सब्जियों की अगेती खेती बहुत ज्यादा लाभकारी और मुनाफे वाली साबित होती है क्योकि इनकी डिमांड बाजार में खूब अधिक मात्रा में होती है। इनकी फसल कम दिनों में तैयार हो जाती है और बहुत अच्छी कमाई कराती है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है कौन सी सब्जियां […]
Agricultural Tips: जनवरी-फरवरी में करें ये 2 सब्जियों की अगेती खेती, मार्केट में है खूब डिमांड बंपर उत्पादन के साथ हो जाएंगे मालामाल

किसानों के लिए ये सब्जियों की अगेती खेती बहुत ज्यादा लाभकारी और मुनाफे वाली साबित होती है क्योकि इनकी डिमांड बाजार में खूब अधिक मात्रा में होती है। इनकी फसल कम दिनों में तैयार हो जाती है और बहुत अच्छी कमाई कराती है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है कौन सी सब्जियां है।

जनवरी-फरवरी में करें ये 2 सब्जियों की खेती

जनवरी और फरवरी का महीना इन सब्जियों की बुआई के लिए उपयुक्त माना जाता है। इन सब्जियों की मांग बाजार में बहुत होती है अगर आप अभी इन सब्जियों की अगेती खेती करेंगे तो बाजार में इनकी कीमत भी आपको अच्छी देखने को मिलेगी जिससे कमाई बहुत शानदार होगी। इनकी खेती में लागत और मेहनत दोनों ही बहुत कम लगती है। इन सब्जियों की फसल बेहद कम दिनों में तैयार हो जाती है। तो चलिए जानते है कौन सी सब्जियों की खेती है।

अगेती भिंडी की खेती

जनवरी और फरवरी के महीने में आप अगेती भिंडी की खेती कर सकते है भिंडी की डिमांड बाजार में खूब होती है क्योकि लोग इसका सेवन करना बहुत पसंद करते है। भिंडी की अगेती खेती के लिए उन्नत किस्म के बीजों का चुनाव करना चाहिए। हाइब्रिड किस्म से ज़्यादा पैदावार मिल सकती है। इसकी खेती के लिए खेत की अच्छी जुताई करनी चाहिए और मिट्टी में गोबर की खाद डालनी चाहिए। भिंडी की बुआई के समय बीजों के बीच की दूरी 12-15 सेंटीमीटर और कतारों के बीच की दूरी 30 सेंटीमीटर रखनी चाहिए। बुआई के बाद 45 से 55 दिनों के अंदर इसकी फ़सल तैयार हो जाती है एक एकड़ में इसकी खेती से करीब 60-70 क्विंटल तक पैदावार मिल सकती है। आप इसकी खेती से लाखों रूपए कमा सकते है।

खीरे की अगेती खेती 

किसान जनवरी और फरवरी के महीने में खीरे की अगेती खेती भी कर सकते है इसकी डिमांड भी बाजार में बहुत होती है। खीरे की खेती के लिए अच्छी जल निकास वाली बलुई और दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है। मिट्टी का pH मान 6-7 के बीच होना चाहिए। इसकी बुआई के लिए अच्छे किस्म के बीजों का चयन करना चाहिए इसके बीज आपको बाजार में आसानी से मिल जाएंगे। खीरे की बुआई से पहले खेत की 3-4 बार जोताई करके मिट्टी को भुरभुरा बना लेना चाहिए। इसकी खेती में गोबर की खाद का उपयोग जरूर करना करना चाहिए। बुआई के बाद खीरे की फसल करीब 60 से 75 दिनों में तैयार हो जाती है।