Dinosaur Highway (Haryana Update) : ब्रिटेन की खदानों की मिट्टी के नीचे से मिला पांचवां पदचिह्न मांसाहारी डायनासोर मेगालोसॉरस का है, जिसके पैरों के निशान में तीन पंजे शामिल हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि ये पदचिह्न करीब 1.66 अरब साल पुराने हैं। साथ ही कुछ पदचिह्न 150 मीटर तक लंबे हैं। डायनासोर की दुनिया इंसानों के लिए हमेशा से रोमांचक रही है और उनके बारे में कुछ नया जानने के लिए पूरी दुनिया में प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में ब्रिटेन से विशालकाय जीवों के बारे में एक नई जानकारी सामने आई है। शोधकर्ताओं ने ऑक्सफोर्डशायर की खदानों से डायनासोर के सैकड़ों पदचिह्न खोजे हैं, जो करीब 1.66 अरब साल से जमीन के नीचे दबे हुए थे। वैज्ञानिकों का मानना है कि इनके जरिए डायनासोर के बारे में काफी नई जानकारियां सामने आने की उम्मीद है।
कैसे मिला ‘डायनासोर हाईवे’?
ऑक्सफोर्ड और बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने इंग्लैंड के क्वारी में स्थित खदानों से डायनासोर के पदचिह्न खोजे हैं। टीम ने ऐसे 5 रास्ते खोजे हैं, जिनसे डायनासोर गुजरते थे और इस रास्ते को अब ‘डायनासोर हाईवे’ कहा जा रहा है। इस शोध में पता चला कि ऐसे चार ट्रैक हैं, जिन पर शाकाहारी सॉरोपॉड डायनासोर चलते थे। साथ ही, इस क्षेत्र में पाया गया सबसे लंबा ट्रैक करीब 150 मीटर का है। खदानों की मिट्टी के नीचे से मिला पांचवां ट्रैक मांसाहारी डायनासोर मेगालोसॉरस का है, जिसके पैरों के निशान तीन पंजे शामिल हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि ये पैरों के निशान करीब 166 करोड़ साल पुराने हैं। साथ ही, मांसाहारी और शाकाहारी डायनासोर के पैरों के निशान एक-दूसरे को पार करते हुए दिखाई देते हैं। इससे यह सवाल उठता है कि क्या वे एक-दूसरे से मिलते थे या उनका आपस में व्यवहार कैसा रहा होगा। क्या वे एक-दूसरे पर हमला भी करते थे?
कैसे शुरू हुई खोज?
सबसे पहले खदान क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को जमीन पर अलग-अलग तरह के उभार महसूस हुए और इसके बाद ही वैज्ञानिकों की एक टीम को यहां बुलाया गया। फिर दोनों विश्वविद्यालयों के 100 से अधिक सदस्यों की टीम ने एक सप्ताह तक इस क्षेत्र में खुदाई की। इस तरह धीरे-धीरे डायनासोर के करीब 200 पैरों के निशान खोजे गए। इतना ही नहीं, शोध के उद्देश्य से इन निशानों की दो हजार से अधिक तस्वीरें ली गई हैं और वीडियोग्राफी भी की गई है। इसी क्षेत्र में 1997 में करीब 40 पदचिह्न मिले थे और तब भी 180 मीटर लंबे पदचिह्न खोजे गए थे। लेकिन तब तकनीक के अभाव में उन पर गहन शोध नहीं हो सका था।
वैज्ञानिकों की खोज क्यों महत्वपूर्ण है?
डायनासोर के राजमार्ग और इन पदचिह्नों के जरिए धरती पर रहने वाले इन विशालकाय जीवों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई जा सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके जरिए यह जाना जा सकता है कि डायनासोर कैसे चलते थे, कितनी तेज दौड़ सकते थे, उनका आकार कितना बड़ा था और उनका आपसी संपर्क कैसा था। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक डंकन मर्डॉक का कहना है कि यह शोध बहुत विस्तृत है और इसमें साफ तौर पर दिखाई देता है कि डायनासोर के पैरों के मिट्टी में धंसने और फिर बाहर आने से मिट्टी की प्रकृति किस तरह बदल गई होगी।