

क्या मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्री की क्रिप्टो (Crypto) में एंट्री होने जा रही है? जियो कॉइन की चर्चा के बीच एक बार फिर ये सवाल उठने लगा है। हाल ही में जियो प्लेटफॉर्म्स ने इंटरनेट टेक्नोलॉजी कंपनी पॉलीगॉन लैब्स के साथ पार्टनरशिप की जानकारी दी है। जिसके बाद जियो कॉइन (Jio Coin) को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें भी शेयर की जा रही हैं। हालांकि, कंपनी की तरफ से अभी तक इस पर किसी तरह का ऑफिशियल बयान नहीं आया है। ऐसे में आइए जानते हैं अगर जियो कॉइन आता है, तो यह आपके लिए कितना यूजफुल हो सकता है…
जियो कॉइन की चर्चा क्यों
रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने पॉलीगॉन (Polygon) के साथ मिलकर जियोकॉइन प्रोग्राम (Jiocoin Program) में Web3 टेक्नोलॉजी को जोड़ा है। वेब3 टेक्नोलॉजी यूजर्स को उनके पर्सनल डेटा पर ज्यादा कंट्रोल और सुरक्षित तरीके से जियो के इकोसिस्टम में अपने डेटा को मैनेज करने देती है। ब्लॉकचेन, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स, डिजिटल एसेट्स, क्रिप्टोकरेंसी, केंद्रीय बैंक डिजिटल कॉइंस(CBDC) और NFT समेत टोकन जैसी नई टेक्नोलॉजी भी Web3 का सपोर्ट करती है। अभी तक अंबानी की कंपनी ने जियो कॉइन को लेकर किसी तरह का स्टेटमेंट नहीं दिया है लेकिन इंटरनेट पर इसकी खूब चर्चा है। बिटिनिंग के CEO काशिफ रजा ने भी इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जियो कॉइन की तस्वीर शेयर की है।
Jiocoin के लिए क्या-क्या होंगी चुनौतियां
जियोकॉइन अगर मार्केट में आता भी है तो उसकी राह आसान नहीं होने वाली है। क्योंकि अभी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के लिए भारत में सख्ती है। क्रिप्टो प्रॉफिट पर 30% टैक्स और नुकसान की भरपाई के बिना 1% कर कटौती होने का नियम है। इसलिए क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना काफी चुनौतीपूर्ण है।
जियोकॉइन कितना यूजफुल
जियोकॉइन (Jiocoin) को जियो ऐप (Jio App) के माध्यम से यूजर्स के फोन नंबर से जोड़ा गया है। जियो यूजर्स इससे अपने डिजिटल एक्सपीरियंस को बेहतर बना सकते हैं। जियो कॉइन का यूज मोबाइल रिचार्ज या रिलायंस गैस स्टेशन पर हो सकता है। जियो ऐप पर यूजर जितने एक्टिव होंगे, उतने ही जियो कॉइन जीत सकते हैं। ये सभी टोकन Web3 वॉलेट में जमा होते रहते हैं। जियो कॉइन से जियो सर्विसेज पर डिस्काउंट, स्पेशल कंटेंट जैसे ढेर सारे बेनिफिट्स मिलते हैं।