
प्रयागराज: यूपी के प्रयागराज में महाकुंभ मेला लगा हुआ है। इसकी शुरुआत 13 जनवरी को हुई थी जो 26 फरवरी तक चलेगी। महाकुंभ का प्रथम अमृत स्नान मकर संक्रांति पर हो चुका है। दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी महाकुंभ में शामिल होने जायेंगे। क्या आपको पता है भारत में एक ऐसे भी प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने महाकुंभ के दौरान संगम में डुबकी लगाने से इंकार कर दिया था।
महीने भर तक किया कल्पवासआजाद भारत के पहले महाकुंभ में 3 फरवरी, 1954 को मौनी अमावस्या थी। उस दिन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के साथ-साथ राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद भी कुंभ पहुंचे हुए थे। राजेंद्र प्रसाद ने एक महीने तक संगम क्षेत्र में कल्पवास किया, हालांकि नेहरू ने नहीं किया था। राजगोपाल पीवी की पुस्तक ‘मैं नेहरू का साया था’ के मुताबिक लाल बहादुर शास्त्री चाहते थे कि पंडित नेहरू प्रयागराज जाकर कुंभ में स्नान करें।
नहीं छिड़का गंगा का पानीलाल बहादुर शास्त्री ने कहा कि इस प्रथा का पालन लाखों लोग करते हैं, इसलिए आप भी करें। नेहरू ने उन्हें जवाब दिया कि मैं कुंभ में स्नान नहीं करूँगा। पहले मैं जनेऊ पहनता था तो स्नान करता था लेकिन मैंने जनेऊ उतारने के बाद से स्नान करना बंद कर दिया है। गंगा मेरे लिए बहुत मायने रखती है। यह यहां के लाखों लोगों के जीवन का हिस्सा है लेकिन मैं कुंभ में इसमें स्नान नहीं करूँगा। पुस्तक के मुताबिक नेहरू नाव में बैठे हुए थे। सब लोगों ने इसमें डुबकी लगाईं लेकिन नेहरू ने गंगा का पानी तक अपने ऊपर नहीं छिड़का।