बिहार के बुजुर्गों को हर महीने मिलेंगे ₹1000! नीतीश सरकार का जानें आगे का प्लान

Elderly people of Bihar will get ₹1000 every month! Know the future plan of Nitish governmentElderly people of Bihar will get ₹1000 every month! Know the future plan of Nitish government

पटना: बिहार सरकार बुजुर्गों को दी जाने वाली पेंशन राशि बढ़ाने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के तहत अभी 400 रुपये प्रति माह मिलते हैं। इसे बढ़ाकर 1000 रुपये करने की योजना है। यह बढ़ोतरी नए वित्तीय वर्ष से लागू हो सकती है। इससे राज्य के 42.60 लाख से ज्यादा बुजुर्गों को फायदा होगा। पेंशन राशि बढ़ाने की मांग लंबे समय से चल रही थी। वित्त विभाग इस बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर पड़ने वाले अतिरिक्त बोझ का आकलन कर रहा है। इसके बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।

कितना मिलता है पेंशन
बता दें कि मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना बिहार सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के तहत राज्य के जरूरतमंद बुजुर्गों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। वर्तमान में 60 से 79 वर्ष के बुजुर्गों को 400 रुपये और 80 वर्ष या उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को 500 रुपये प्रति माह पेंशन मिलती है। यह राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाती है। इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को बिहार का स्थायी निवासी होना जरूरी है और उसे किसी अन्य स्रोत से पेंशन नहीं मिलनी चाहिए।

पेंशन राशि उठाने की होती रही है मांग
2019-20 में इस योजना की शुरुआत हुई थी। तब से पेंशन राशि बढ़ाने की मांग उठती रही है। पिछले साल आंगनबाड़ी सेविकाओं की हड़ताल के दौरान भी इस पर विचार हुआ था। उस समय राशि को 400 रुपये से बढ़ाकर 800 रुपये करने का प्रस्ताव था। लेकिन उस समय कोई फैसला नहीं हो पाया।

अब सरकार पेंशन राशि को 1000 रुपये करने पर विचार कर रही है। यह एक बड़ी राहत होगी राज्य के लाखों बुजुर्गों के लिए। यह बढ़ोतरी महंगाई के इस दौर में उनके लिए काफी मददगार साबित होगी। इससे वे अपनी जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा कर पाएंगे।

वित्ता विभाग कर रहा विचार
वित्त विभाग इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रहा है। वह इस बात का आकलन कर रहा है कि पेंशन राशि बढ़ाने से सरकारी खजाने पर कितना अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। विभाग सभी पहलुओं पर विचार कर रहा है। वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि योजना का लाभ सभी पात्र बुजुर्गों तक पहुंचे। साथ ही, राज्य के वित्तीय संसाधनों पर भी अनावश्यक दबाव न पड़े।

वित्त विभाग की रिपोर्ट के आधार पर ही अंतिम फैसला लिया जाएगा। उम्मीद है कि नए वित्तीय वर्ष में इस योजना के लिए बजट में प्रावधान किया जाएगा। सरकार जल्द ही इस बारे में आधिकारिक घोषणा कर सकती है।

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