बिहार में विपक्ष लिख रहा नई चुनावी स्क्रिप्ट? राहुल गांधी और लालू परिवार की मुलाकात ने दिए बड़े संकेत

बिहार में विपक्ष लिख रहा नई चुनावी स्क्रिप्ट? राहुल गांधी और लालू परिवार की मुलाकात ने दिए बड़े संकेतबिहार में विपक्ष लिख रहा नई चुनावी स्क्रिप्ट? राहुल गांधी और लालू परिवार की मुलाकात ने दिए बड़े संकेत

पटना: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके बेटे तथा बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव से पटना में लालू के आवास पर मुलाकात की, जिससे इंडिया अलायंस के दो प्रमुख सहयोगी दलों के बीच ठंडे पड़े संबंधों में नरमी आने का संकेत मिला। इस मुलाकात से कहा जा सकता है कि बिहार में विपक्ष विधानसभा चुनाव से पहले एक नई चुनावी पटकथा लिख रहा है।

हाल के हफ्तों में कांग्रेस और आरजेडी के बीच रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं। खासकर तब जब लालू ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का नेता बनाए जाने के प्रस्ताव का समर्थन किया। अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे के लिए कठिन बातचीत और कठिन सौदेबाजी के लिए खुद को तैयार करते हुए दोनों दलों के बीच कुछ अन्य मुद्दों पर भी बहस हुई।

तेजस्वी ही थे जिन्होंने सबसे पहले पटना के एक होटल में राहुल से मुलाकात की, जहां कांग्रेस नेता ‘संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ में भाग लेने के लिए शहर में उतरने के बाद रुके थे। संयोग से, शनिवार को उसी होटल में राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही थी।

जैसे ही तेजस्वी को राहुल के होटल में आने की खबर मिली, वे पार्टी के सम्मेलन से बाहर आकर उनका स्वागत करने लगे और उन्हें अपने माता-पिता के घर आने का निमंत्रण दिया। उनके निमंत्रण को स्वीकार करते हुए राहुल दिन में बाद में लालू के 10, सर्कुलर रोड स्थित आवास पर गए, जहां राजद प्रमुख ने उन्हें गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया। लालू की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने राहुल को शॉल भेंट की।

सूत्रों ने बताया कि पाटलिपुत्र से सांसद मीसा भारती, उनकी बहन रोहिणी आचार्य और उनके भाई एवं पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव सहित लालू और राबड़ी के अन्य बच्चे भी राहुल का स्वागत करने के लिए मौजूद थे। राहुल करीब 20 मिनट तक उनके घर पर रुके और कुछ ‘देसी नाश्ता’ किया।

आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध कुमार मेहता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि हालांकि यह एक अनौपचारिक बैठक थी, लेकिन दोनों पक्षों की ओर से काफी गर्मजोशी दिखी। हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस और आरजेडी के बीच मतभेद की धारणा बनाने की कोशिश कर रहे थे। राहुल जी की हमारे शीर्ष नेताओं के साथ बैठक ने माहौल साफ कर दिया है। आरजेडी और कांग्रेस पुराने सहयोगी रहे हैं और दोनों पार्टियों की अपनी अलग-अलग नीतियां और कार्यक्रम हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता ज्ञान रंजन गुप्ता ने कहा कि राहुल जी और लालू जी पहले भी एक-दूसरे से मिलते रहे हैं। मौजूदा मुलाकात में भी गर्मजोशी और सौहार्दपूर्ण माहौल देखने को मिला।

दिन में पटना में कांग्रेस नेता के राज्य पार्टी मुख्यालय के संक्षिप्त दौरे का जिक्र करते हुए गुप्ता ने कहा कि राहुल जी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया। उन्होंने हमें आरएसएस और भाजपा से मिलकर लड़ने को कहा और पेपर लीक पर भी चिंता जताई। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के छात्रों से बात करने की भी अपील की।

संविधान पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि कांग्रेस देश भर में जाति जनगणना के लिए दबाव बनाएगी और आरक्षण की सीमा को मौजूदा 50 प्रतिशत से आगे बढ़ाने की मांग करेगी ।

इस बीच, राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तेजस्वी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा गया कि इंडिया ब्लॉक के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने से लेकर समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय पर अडिग रहने तक, उन्होंने (तेजस्वी) नई पीढ़ी पर एक अमिट छाप छोड़ी है।

राजद सम्मेलन में इस बात पर जोर दिया गया कि पार्टी यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेगी कि अगली बिहार सरकार तेजस्वी के नेतृत्व में बने। राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि लालू यादव देश भर में काफी लोकप्रिय बने हुए हैं, जबकि पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरे हैं।

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