Property Registry Rules 2025 : जमीन की रजिस्ट्री कराने से पहले जरूर जान लें 4 बातें, एकमुश्त बचा लेंगे लाखों रुपये

Property Registry Rules 2025 : जमीन की रजिस्ट्री कराने से पहले जरूर जान लें 4 बातें, एकमुश्त बचा लेंगे लाखों रुपये

Himachali Khabar, Digital Desk – (Property Registry Updates)जमीन की रजिस्ट्री कराना बड़ा काम होता है। इसमें कई तरह की लिखा-पढ़ी होती है। प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन का तगड़ा चार्ज (charge for property registration)भी देना होता है। यह चार्ज प्रॉपर्टी की कुल रकम का 5-7 परसेंट तर हो सकता है। अगर 50 लाख रुपये की प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन कराने जा रहे हैं, तो आप कुछ आसान तरीके से 2-5 लाख से 3.5 लाख रुपये तक बचा सकते हैं। तो आइए प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन चार्ज बचाने के 4 तरीके जान लेते हैं।

 

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1-मार्केट वैल्यू पर दें रजिस्ट्री चार्ज

कई बार देखा जाता है कि किसी प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू (Market value of property)कम होती है जबकि सर्किल रेट अधिक। अधिक सर्किल रेट पर स्टांप ड्यूटी अधिक लगेगी जबकि मार्केट वैल्यू पर स्टांप ड्यूटी कम देनी होगी। ऐसे में आप रजिस्ट्रार या सब रजिस्ट्रार से अपील कर स्टांप ड्यूटी पर खर्च (expenditure on stamp duty)बचा सकते हैं। स्टेट स्टांप एक्ट के तहत इसका प्रावधान किया गया है। अगर रजिस्ट्रार के पास मार्केट वैल्यू पर स्टांप ड्यूटी लिए जाने की अपील की जाए तो सेल डीड तब तक पेंडिंग रहेगा जब तक रजिस्ट्रेशन न हो जाए। रजिस्ट्रार या सब रजिस्ट्रार आपके मामले को डीसी के पास भेजता है जो मार्केट वैल्यू के हिसाब से स्टांप ड्यूटी का आकलन करता है। इस मामले में आप अगर खरीदार हैं, तो आपको स्टांप ड्यूटी में बचत का फायदा मिलेगा।

2-बिना बंटवारे वाली जमीन की रजिस्ट्री (Registry of undivided land)

एक रिपोर्ट बताती है, बिना बंटवारे वाली जमीन की रजिस्ट्री की सुविधा (land registry facility)भविष्य में बनने वाले कंस्ट्रक्शन या निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में मिलती है। इस केस में खरीदार बिल्डर से दो एग्रीमेंट करता है। सेल एग्रीमेंट और कंस्ट्रक्शन एग्रीमेंट। सेल एग्रीमेंट प्रॉपर्टी (latest property news)के अनडिवाइडेड शेयर के लिए होता है, यानी कि कॉमन एरिया में खरीदार का शेयर। 

इसमें जमीन की कीमत और जमीन पर बनने वाले कंस्ट्रक्शन की कीमत शामिल होती है। बिना बंटवारे वाली जमीन को खरीदना सस्ता होता है क्योंकि बिल्ट-अप एरिया के लिए रजिस्ट्रेशन चार्ज (Registration charge for built-up area)नहीं देना होता है। मान लें किसी बनने वाले अपार्टमेंट की लागत 50 लाख रुपये है और उसके लैंड पार्सल में बिना बंटवारे वाली जमीन की कीमत 20 लाख रुपये है, इसी 20 लाख का रजिस्ट्रेशन चार्ज और स्टांप ड्यूटी देना होगा।

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3-महिला खरीदारों को रिबेट (Rebate to women buyers)

अगर किसी प्रॉपर्टी की खरीदारी (property buying rules)में जॉइंट या सिंगल परचेज में महिला शामिल हो तो कई राज्यों में स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज में छूट मिलती है। इसमें हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। दिल्ली सरकार के मुताबिक, कोई जमीन पुरुष के नाम से रजिस्ट्री हो तो उस पर 6 परसेंट और महिला के नाम से 4 परसेंट रजिस्ट्री चार्ज देना होता है। इसके साथ ही रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन पर होने वाले खर्च पर साल में अधिक से अधिक 1।5 लाख टैक्स बचा सकते हैं।

4-लोकल स्टांप एक्ट का फायदा (Benefit of Local Stamp Act)

जमीन राज्यों का विषय है, इसलिए रजिस्ट्री से होने वाली कमाई भी राज्य की होती है। हर राज्य का कानून दूसरे से अलग हो सकता है। इसलिए रजिस्ट्री से पहले एक बार उस राज्य का स्टांप एक्ट जरूर जान लें। कई बार राज्य सरकार की ओर रजिस्ट्रेशन चार्ज घटाया जाता है। उसी समय रजिस्ट्री कराएं जब इसमें छूट दी जा रही हो। महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तर प्रदेश में स्टांप ड्यूटी नहीं लगती अगर प्रॉपर्टी को ब्लड रिलेटिव को गिफ्ट किया जाए। इस नियम का खयाल रखकर आप रजिस्ट्रेशन चार्ज बचा सकते हैं।

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