नई दिल्ली: दिल्ली में कांग्रेस के नए मुख्यालय के उद्घाटन पर विपक्षी नेता राहुल गांधी के दिए गए बयान पर विवाद तूल पकड़ता जा रहा है. उनके इस बयान के खिलाफ बीजेपी उन्हें चौतरफा घेर रही है. अब शनिवार (18 जनवरी) को उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। यह एफआईआर असम की राजधानी गुवाहाटी में दर्ज की गई है. इस एफआईआर में राहुल गांधी पर गंभीर धाराएं लगाई गई हैं जो गैर जमानती हैं.
एफआईआर दर्ज की गई
मोनजीत चेतिया नाम के शख्स ने राहुल गांधी के खिलाफ ये शिकायत दर्ज कराई है. उनका कहना है कि राहुल गांधी का दिल्ली में दिया गया बयान भारत की एकता और अखंडता के लिए खतरा है. गुवाहाटी के पान बाजार पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें राहुल गांधी पर भारतीय न्यायिक संहिता की धारा 152 और 197 (1) लगाई गई है, जो देश की एकता और अखंडता को खतरे में डालने जैसे कदमों पर लगाई गई है. ये धाराएं गैर जमानती हैं.
कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन के दौरान राहुल गांधी ने सीधे तौर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधा था. एक कार्यक्रम में मोहन भागवत का बयान, ‘अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को भारत की असली आजादी के तौर पर मनाया जाना चाहिए. लेकिन राहुल गांधी ने हमलावर होते हुए कहा था कि यह बयान दिखाता है कि बीजेपी और आरएसएस देश की आजादी और संविधान के बारे में क्या सोचते हैं.
संविधान में कोई आस्था नहीं
राहुल गांधी ने कहा था कि इन लोगों को भारत के संविधान में कोई आस्था नहीं है. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि आरएसएस और बीजेपी एक के बाद एक सभी संस्थानों पर कब्जा कर रही है और अब हम बीजेपी और आरएसएस के साथ मिलकर भारतीय राज्य से लड़ रहे हैं. राहुल के इस बयान के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि राहुल गांधी देश को तोड़ने और बांटने का काम कर रहे हैं. राहुल गांधी के इस बयान की बीजेपी की ओर से सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर बहस में आलोचना की जा रही है.
राहुल गांधी ने मोहन भागवत को ये क्या कह दिया… दलितों की आवाज दबाई गई, संपत्ति पर उठे सवाल