
IITian बाबा अभय सिंह (फाइल फोटो).
महाकुंभ में आकर सुर्खियों में आए ‘IITian बाबा’ अभय सिंह अचानक लापता हो गए हैं. वह अब कुंभ मेला क्षेत्र में नहीं हैं. महाकुंभ में आए तमाम लोग उनसे मिलने पहुंच रहे हैं, लेकिन बाबा अब आश्रम में नहीं हैं. इस तरह से IITian बाबा का अचानक से लापता होना लोगों के मन में शंका पैदा कर रहा है. लोग तरह-तरह के सवाल कर रहे हैं कि आखिर इतनी पॉपुलैरिटी मिनले के बाद बाबा ने महाकुंभ क्यों छोड़ दिया? कई मीडिया संस्थान के लोग भी बिना उनके इंटरव्यू के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें भी बैरंग लौटना पड़ रहा है.
IITian बाबा के महाकुंभ छोड़ने को लेकर जो जानकारी निकलकर सामने आ रही है, वो यह है कि ‘मसानी गोरख बाबा’ अभय सिंह के ऊपर अपने गुरु के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगा था. इसी आरोप के चलते बीते शनिवार की रात जूना अखाड़े के आश्रम से उन्हें बाहर कर दिया गया. जूना अखाड़ा के प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि ने अभय सिंह अभी साधु नहीं बने थे. लखनऊ से यहां ऐसे ही आ गए थे और स्वयंभू साधु बनकर घूम रहे थे.
किसके साथ जूना अखाड़े में आए थे IITian बाबा?
श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि, अभय सिंह महंत सोमेश्वर गुरु के साथ यहां आए थे. उन्होंने अपने गुरु महंत सोमेश्वर पुरी के बारे में सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा का उपयोग किया था, इसलिए अखाड़ा के शिविर और आसपास उनके आने पर रोक लगा दी गई है.” श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा, अभय सिंह का कृत्य गुरु-शिष्य परंपरा और संन्यास के खिलाफ है, जिसे गुरु के प्रति सम्मान नहीं है, उसका सनातन धर्म के प्रति भी कोई सम्मान नहीं होगा. जूना अखाड़ा में अनुशासन सर्वोपरि है.
IITian बाबा अभय सिंह ने अपने गुरु का अपमान किया
श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा कि अखाड़े के हर सदस्य को अनुशासन से रहना होता है, लेकिन अभय सिंह ने अपने गुरु का अपमान कर यह परंपरा तोड़ी. उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर, अखाड़ा की अनुशासन समिति ने अभय के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की और अखाड़े से बाहर कर दिया गया. अभय सिंह को सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में यह कहते सुना जा सकता है कि अखाड़े ने आने से मना किया तो मैं वहां से चला गया. आखिर वह उनकी प्रॉपर्टी है.
IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की
उल्लेखनीय है कि इससे पहले अभय सिंह ने सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में बताया था कि उन्होंने IIT बॉम्बे से पढ़ाई करने के बाद एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में नौकरी की और नौकरी छोड़कर वह संन्यासी बने. यह पूछने पर कि उनके गुरु कौन हैं, इस उन्होंने कहा कि मैं जो भी मिले, उससे सीख लेता हूं. अखाड़े में भी भगवान शिव ही बताते थे, ध्यान कैसे करो. माता-पिता ने पढ़ाने लिखाने पर पैसे खर्च किए, लेकिन प्यार कहां था.
आखाड़ों के काम देखने आया था मैं- IITian बाबा
अखाड़ों को लेकर उन्होंने कहा कि मेरी योजना वहां चार-पांच दिन रुकने की थी और मैं अखाड़ों के काम देखने आया था, लेकिन प्रसिद्धि मिलने के बाद सारी चीजें गड़बड़ हो गई. उन पर एक रील में अपने पिता और गुरु के खिलाफ अपशब्द का इस्तेमाल करने का आरोप है. इसके बाद ही संतों में उनके खिलाफ आक्रोश पैदा हुआ और शनिवार की रात उन्हें अखाड़े के शिविर से बाहर कर दिया गया.