जहां रहता था सैफ अली खान पर हमला करने वाला शरीफुल, वहां के लोगों ने किया चौंकाने वाला खुलासा..

People from the place where Shariful, who attacked Saif Ali Khan, lived made a shocking revelationPeople from the place where Shariful, who attacked Saif Ali Khan, lived made a shocking revelation

मुंबई। वर्ली कोलीवाड़ा मुंबई के सात मूल द्वीपों में से एक है। इसका अब शहरीकरण हो चुका है और यह समृद्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक धरोहरों से संपन्न है। यहां आमतौर पर कोली समुदाय के लोग रहते हैं, जो पूर्वी भारतीयों के साथ मुंबई के मूल निवासी हैं।

इसी क्षेत्र का एक गांव है-वर्ली। फिल्म अभिनेता सैफ अली खान पर हमले के आरोप में गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिक शरीफुल इस्लाम शहजाद इसी गांव में छह अन्य लोगों के साथ वन प्लस वन कमरे में किराये पर रहता था।

बांग्लादेशियों से इलाका वासी परेशान
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यह गांव अब मिनी बांग्लादेश बनता जा रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, उन्होंने अपने क्षेत्र में बढ़ती बांग्लादेशी आबादी को लेकर गंभीर चिंता जताई है और 19 जनवरी को इसके विरोध में एक रैली भी निकाली।

शरीफुल इस्लाम बिना किसी वैध दस्तावेज के अगस्त 2024 से इस इलाके में रह रहा है। और यह कोई अकेला मामला नहीं है। ऐसे कई बांग्लादेशी नागरिक हैं, जो बिना किसी दस्तावेज के इस इलाके में रह रहे हैं।

शरीफुल को स्थायी नौकरी मिलने में आ रही थी दिक्कत
शरीफुल इस्लाम और उसके साथ रहने वाले सभी लोग मुंबई के अलग-अलग रेस्टोरेंट में हाउसकीपर के तौर पर काम करते हैं। इनके भी बांग्लादेशी नागरिक होने का संदेह है। पुलिस इनके दस्तावेज की जांच कर रही है। शरीफुल इस्लाम ने पुलिस के सामने स्वीकार किया कि उसे स्थायी नौकरी पाने में दिक्कत आ रही थी।

फोटो देखते ही मैं चौंक गई: ऐश्वर्या
शरीफुल की पड़ोसी ऐश्वर्या उपाध्याय ने बताया कि शनिवार की सुबह पुलिस हमारे घर आई और हमसे संदिग्ध के बारे में पूछताछ की। उन्होंने हमें उसकी तस्वीर दिखाई तो मैं चौंक गई। यहां मैं अपने पति और बच्चों के साथ रहती हूं और मुझे नहीं पता था कि हमारे आसपास एक खतरनाक आदमी रह रहा है।

अन्य बांग्लादेशियों पर कार्रवाई हो
ऐश्वर्या ने कहा कि हमारे इलाके में कई बांग्लादेशी बिना वैध एग्रीमेंट के रह रहे हैं और पुलिस को उनके खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ये लोग रेस्टोरेंट में काम करने के बाद देर रात लगभग तीन-चार बजे घर लौटते हैं। वे लोग किराने का सामान और पानी लाने के अलावा शायद ही कभी बाहर निकलते हैं। इस घटना के बाद मुझे डर लग रहा है।

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