Bihar News : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक बनने वाली राजमार्ग का अधिकांश हिस्सा बिहार में पूरा होगा। इस राजमार्ग पर बिहार में 8 जिलों के 305 गांव आएंगे। एक्सप्रेसवे का डीपीआर तैयार है। अगले महीने जमीन अधिग्रहण भी शुरू हो जाएगा। डीपीआर के अनुसार बिहार में एक्सप्रेसवे का निर्माण 2755 हेक्टेयर निजी जमीन पर और 168 हेक्येटर सरकारी जमीन पर होगा। इसके लिए 2923 हेक्टेयर जमीन दी जाएगी।
यह राजमार्ग पश्चिम चंपारण के 15 पूर्वी चंपारण के 69 शिवहर के 7 सीतामढ़ी के 33 मधुबनी के 66 सुपौल के 43 अररिया के 47 और किशनगंज के 25 गांवों से गुजरेगा। इससे उत्तर प्रदेश बिहार और पश्चिम बंगाल में संपर्क बढ़ेगा। यह राजमार्ग गोरखपुर से शुरू होकर बिहार में पश्चिम चंपारण के नौतन में पहुंचेगा। इसका निर्माण 25 हजार करोड़ रुपये का होगा। सड़क की कुल लंबाई 550 किमी होगी जिसमें से बिहार में 416 किमी होंगे।
एक्सप्रेसवे के निर्माण पर खर्च होंगे 7 हजार करोड़ रुपये
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के निर्माण पर 7 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। निर्माण कार्य में बाकी राशि खर्च की जाएगी। पुल बनाने के लिए गंडक नदी पर दो बड़े पुल बनाए जाएंगे। यूपी में कुछ होगा तो बिहार में कुछ होगा। दोनों राज्यों को जोड़ने वाली गडंक नदी पर करीब दस किलोमीटर लंबा पुल बनाया जाएगा।
2028 तक पुर करने का रखा गया है लक्ष्य
वाहन चालकों को गोरखपुर से सिलीगुड़ी के बीच 25 स्थानों पर इंटरचेंज की सुविधा मिलेगी। इंटरचेंज में स्टेट हाइवे नेशनल हाइवे और अन्य महत्वपूर्ण सड़कें मिल जाएंगी। 2028 तक राजमार्ग पूरा होने का लक्ष्य है। इसके लिए युद्धस्तर पर सर्वे चल रहा है।