अंतरिक्ष में होने जा रही है अद्भुत घटना, एक लाइन में दिखेंगे सात ग्रह-जानें क्या पडेगा असर..

An amazing event is going to happen in space, seven planets will be seen in a line - know what will be the effectAn amazing event is going to happen in space, seven planets will be seen in a line - know what will be the effect

Planetary Parade 2025: अतंरिक्ष में अक्सर अद्भुत खगोलीय घटनाएं होती रहती हैं। खगोलीय घटनाओं में दिलचस्पी रखने वालों के लिए आने वाले दिन बेहद खास होने वाले हैं। दरअसल, सात ग्रह एक लाइन में नजर आएंगे। इस दौरान सात ग्रह यानी शनि, बुध, नेपच्यून, शुक्र, यूरेनस, बृहस्पति और मंगल आकाश में एक सीध में आएंगे। वैज्ञानिकों ने होने वाली इस खगोलीय घटना को दुर्लभ ग्रह संयोग बताया है। जनवरी-फरवरी के दौरान आसमान में आप इन ग्रहों रात्रि में नंगी आंखों से देख सकते हैं।

एक समय में कुछ ग्रहों का एक ही लाइन में होना असामान्य बात नहीं है, लेकिन जब सभी ग्रह एक सीध में आएंगे तो यह घटना जरूर दुर्लभ है। इस अद्भुत खगोलीय घटना को प्लैनेटरी अलाइनमेंट कहा जाता है। आइए जानते हैं कि आप कब और कैसे इस दुर्लभ खगोलीय घटना को देख सकते हैं।

दरअसल, जब पृथ्वी समेत दूसरे ग्रह सूर्य के एक तरफ आ जाते हैं, तो आसमान में वह एक सीधी रेखा में दिखाई देते हैं। इसे ग्रहों का संरेखण यानी प्लैनेटरी अलाइनमेंट कहा जाता है। 21 जनवरी 2025 से सात में से छह ग्रह एक लाइन में आसमान में दिखेंगे। इस खगोलीय घटना को ही ग्रहों की परेड कहा जाता है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह खगोलीय घटना हर 396 बिलियन साल में घटती है। शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, नेपच्यून और यूरेनस को एक साथ एक सीधी रेखा में देखा जा सकता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कहना है कि शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि को बगैर किसी उपकरण के देख सकते हैं, जबकि नेपच्यून और यूरेनस को दूरबीन से देखा जा सकता है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक, 28 फरवरी तक छह ग्रह अंतरिक्ष एक सीध में आ जाएंगे, लेकिन इसके बाद सात ग्रह यानी शनि, बुध, नेपच्यून, शुक्र, यूरेनस, बृहस्पति और मंगल आसमान में एक साथ दिखाई देंगे। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह एक दुर्लभ ग्रह संयोग है। फिर ग्रहों की इस परेड को एक बार फिर 8 मार्च को देखा जा सकता है। इस दौरान बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, नेपच्यून, यूरेनस और शनि एक साथ दिखेंगे।

वैज्ञानिकों के मुताबिक, अधिकतर ग्रह आकाश में एक सीधी रेखा में देखे जाते रहे हैं। इस रेखा को एक्लिप्टिक कहा जाता है। यह सौर मंडल के उस लाइन को दिखाती है, जिसमें सभी ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं। इस खगोलीय इस साल दो बार होने वाली है। भारत में इस खगोलीय घटना को 21 जनवरी की रात 8.30 बजे देखा जा सकता है। मार्च में ग्रहों को एक सीध में देखने का सबसे अच्छा समय भी सूर्यास्त के बाद होगा।

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