Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान, इस दिन कर लें बस ये 3 काम

Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान, इस दिन कर लें बस ये 3 काम

महाकुंभ अमृत स्नान

Mahakumbh Amrit Snan: महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान धीरे-धीरे करीब आ रहा है. इस दौरान लोगों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. लोग बड़े हर्षोल्लास से महाकुंभ में स्नान करने के लिए शामिल हो रहे हैं. महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या के दिन किया जाएगा. माघ माह की अमावस्या को ही मौनी अमावस्या कहा जाता है.

ऐसा अनुमान है कि महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान के दिन 8 करोड़ लोग डुबकी लगा सकते हैं. महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को किया जाएगा. इसी दिन मौनी अमावस्या भी पड़ रही है. हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या के दिन का खास महत्व है. इस दिन लोग बढ़-चढ़कर स्नान करते हैं और अपने पापों से छुटकारा पाते हैं.

मौनी अमावस्या पर बन रहा शुभ योग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन बेहद शुभ योग बन रहा जिस कारण इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ गया है. मौनी अमावस्या को माघी या माघ अमावस्या भी कहा जाता है. इस दिन लोग मौन व्रत रखते हैं और अपने पूर्वजों के निमित्त तर्पण भी करते हैं.

धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसके अलावा, ऐसी मान्यता है कि इन दिन मौन व्रत रखने से हर कार्य में सफलता मिलती है. साथ ही, साधक के जीवन में खुशियां आती है. वहीं, इस दिन पितरों का तर्पण करने से दान करने से ग्रह दोष भी शांत हो जाते हैं.

मौनी अमावस्या कब से कब तक है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह की अमावस्या तिथि 28 जनवरी की शाम 7:22 मिनट शुरू होगी और 29 जनवरी की शाम 6:05 मिनट पर खत्म हो जाएगी. वहीं, मौनी अमावस्या के दिन 29 जनवरी को अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 5:25 बजे से 6:18 बजे तक रहेगा. इसके बाद शाम का मुहूर्त 5:51 बजे से 7:11 बजे तक रहेगा.

महाकुंभ में डुबकी लगाने के बाद करें ये काम

  1. महाकुंभ में गंगा स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं को शिवलिंग पर गंगाजल और दूध से अभिषेक करना चाहिए.
  2. महाकुंभ में गंगा स्नान करने के बाद श्रद्वालुओं को शिवलिंग के सामने शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए.
  3. महाकुंभ में गंगा स्नान करने के बाद साधु-संतों को अपने सामर्थ्य के अनुसार, अन्न का दान भी करना चाहिए.

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