

नई दिल्ली। सभी धर्मों का एक-दूसरे को संबोधित करने का तरीका अलग-अलग होता है। हिंदू संस्कृति की बात करें तो, यहां दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार की मुद्रा में सामने वाले को संबोधित या आदर दिया जाता है। यह कोई आम मुद्रा नहीं है, बल्कि शास्त्रों में भी इसके कई फायदे बताए गए हैं। इतना ही नहीं, सेहत की दृष्टि से भी नमस्कार करने करने के व्यक्ति को अद्भुत फायदे देखने को मिलते हैं।
रिश्ते होते हैं मजबूत
सनातन धर्म में हाथ जोड़कर नमस्ते करना न केवल संबोधित करने का तरीका नहीं है, बल्कि ये आदर-सम्मान देने का भी एक तरीका है। इसका धार्मिक महत्व भी काफी अधिक है। जब आप नमस्कार कर दूसरों को सम्मान देते हैं, तो इससे रिश्तों में भी मजबूती भी आती है।
मिलता है देवी-देवताओं का आशीर्वाद
देवी-देवताओं को नमस्कार करते समय सबसे पहले अपने दोनों हाथों को जोड़कर माथे तक ले जाएं। इसके बाद थोड़ा झुककर आंखों को बंद करें और देवी-देवता का ध्यान करें। इस बात का ध्यान रखें कि नमस्कार करते समय आपकी उंगलियां थोड़ी ढीली होनी चाहिए। ऐसा करने से आपकी प्रार्थना जल्द स्वीकार होती है। साथ ही आध्यात्मिकता का भी विकास होता है।
देवी-देवताओं को नमस्कार करने के साथ-साथ आपको बड़े-बुजुर्गों को भी रोजाना हाथ जोड़कर नमस्कार करना चाहिएं। क्योंकि हिंदू शास्त्रों में वृद्धों को भी देवताओं के समान ही आदर दिया गया है। ऐसे में अगर आप बड़े-बुजुर्गों को रोजाना नमस्कार करते हैं, तो इससे आपको देवी-देवताओं का भी आशीर्वाद मिलता है।
शारीरिक फायदे
नमस्कार मुद्रा से उंगलियों के टिप पर दबाव पड़ता है, जिससे यह एक्यूप्रेशर की तरह काम करता है। इसका सकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के कान, आंख और दिमाग पर पड़ता है। इसलिए आपने देखा होगा कि योगासन में भी नमस्कार मुद्रा का प्रयोग किया जाता है।
साथ ही यह आपकी याददाश्त भी मजबूत करने में मदद करता है। नमस्कार मुद्रा में हथेलियों पर भी दबाव बढ़ता है, जिससे हृदय चक्र और आज्ञा चक्र में सक्रियता आती है। साथ ही इससे आपका मन भी शांत होता है।