ट्रम्प के शपथ ग्रहण में दिखा खालिस्तानी आतंकी पन्नू: खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहा था..

वॉशिंगटन। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में पन्नू की मौजूदगी का दावा किया जा रहा है। हालांकि, दैनिक भास्कर इसकी पुष्टि नहीं करता है।

डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बन गए हैं। उन्होंने भारतीय समयानुसार सोमवार रात 10:30 बजे अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में पद की शपथ ली। ट्रम्प के शपथ ग्रहण में देश-दुनिया के कई मेहमान और नेता भी शामिल हुए। इसमें भारत का मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू भी नजर आया। शपथ ग्रहण के दौरान पन्नू ने खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पन्नू को शपथ ग्रहण के लिए इनवाइट नहीं किया गया था, बल्कि वो टिकट खरीद कर इसमें शामिल हुआ था। हालांकि, पन्नू का दावा है कि उसे ट्रम्प की टीम ने इन्विटेशन दिया था।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि ट्रंप अपनी पत्नी मेलानिया के साथ मंच पर मौजूद हैं। उनके मंच के पास ही खालिस्तानी आतंकी दिख रहा है। वीडियो में जनता USA, USA के नारे लगा रही है, तभी पन्नू खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाना शुरू कर देता है।

दुनिया भर के हाई प्रोफाइल मेहमान शपथ ग्रहण में पहुंचे डोनाल्ड ट्रम्प ने 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इस दौरान देश विदेश से कई हाई प्रोफाइल मेहमान उनके शपथ ग्रहण में शामिल होने पहुंचे। भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

शपथ के बाद ट्रम्प ने 30 मिनट तक देश को संबोधित किया। अपने पहले भाषण में उन्होंने कहा, ‘अमेरिका का स्वर्ण युग अभी शुरू हो रहा है। इस दिन से हमारा देश फिर से समृद्ध होगा और पूरी दुनिया में इसका सम्मान किया जाएगा।’

शपथ के दौरान ट्रम्प की पत्नी मेलानिया बाइबिल लेकर खड़ी रहीं। ट्रम्प की शपथ के बाद कुछ देर तक संसद का कैपिटल रोटुंडा हॉल तालियों से गूंजता रहा।

कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू?

गुरपतवंत सिंह पन्नू मूलरूप से पंजाब के खानकोट का रहने वाला है। वो फिलहाल अमेरिका में रहता है और सिख फॉर जस्टिस नाम का संगठन चलाता है। उसके पास अमेरिका और कनाडा दोनों देशों की नागरिकता है।
भारत सरकार ने 2019 में आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत पन्नू के संगठन SFJ पर बैन लगाया था। सिखों के लिए रेफरेंडम की आड़ में SFJ पंजाब में अलगाववाद और उग्रवादी विचारधारा का समर्थन कर रहा था।

पन्नू पर साल 2020 में अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप लगा। इसके बाद केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस कथित साजिश का यही मुख्य टारगेट था।

हालांकि, FBI की चार्जशीट में इसका जिक्र नहीं है
अमेरिका ने भारत पर पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप लगाया था पिछले साल अमेरिका ने आरोप लगाया था कि पूर्व भारतीय अधिकारी ने न्यूयॉर्क में पन्नू की हत्या की साजिश रची थी। इसके लिए भाड़े के शूटर की हायरिंग की गई थी। इसके साथ-साथ अमेरिका ने पूर्व भारतीय अधिकारी पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप भी लगाया था।

अमेरिकी कोर्ट ने मामले में 2 लोगों को आरोपी बनाया था। इसमें निखिल गुप्ता और CC1 नाम का एक शख्स शामिल था। अमेरिका की खुफिया एजेंसी FBI ने CC1 को विकास यादव बताया था। उनकी भारतीय सेना की वर्दी में फोटो भी जारी की गई थी। FBI का कहना है कि विकास भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसी RAW से जुड़े थे।

पन्नू की हत्या की साजिश का मामला क्या है पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को 30 जून 2023 को चेक रिपब्लिक पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद 14 जून 2024 को निखिल को अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया गया था। निखिल पर अमेरिका में केस चलाया गया, जहां उसने खुद को निर्दोष बताया था।

अमेरिकी एजेंसियों के मुताबिक, पन्नू को मारने की साजिश पिछले साल सितंबर में PM मोदी के अमेरिका दौरे के वक्त की गई थी। भारत के एक पूर्व अफसर (विकास यादव) ने निखिल गुप्ता से पन्नू की हत्या की साजिश रचने को कहा था।

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