उत्तर प्रदेश में चौड़ी की जाएगी ये 14 किलोमीटर की सड़क, 12 गांवों को फायदा

NCR News : ग्रेटर नोएडा में दादरी को हापुड़ से जोड़ने वाले बिसाहड़ा रोड के निर्माण कार्य और चौड़ीकरण के लिए उत्तर प्रदेश शासन ने स्वीकृति दे दी है। अब इस कार्य के लिए टेंडर होने के बाद काम शुरू कर दिया जाएगा। सवा चार किलोमीटर लंबी इस सड़क की चौड़ीकरण से बारह गांवों के लोगों को फायदा होगा। 19 करोड़ रुपये से अधिक की राशि इसके लिए स्वीकृत की जाएगी। तीन चरणों में यह धन आवंटित किया जाएगा। दादरी से जनपद हापुड़ की सीमा तक एक राजमार्ग बनाया गया है जो बिसाहड़ा प्यावली रसूलपुर ततारपुर ढोकलपुरा और आसपास के कई गांवों को जोड़ता है।

शासन ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को इस रोड को सुंदर बनाने और चौड़ी करने की अनुमति दी है। 14 किलोमीटर लंबी सड़क 5.5 मीटर चौड़ी है। इस रास्ते में ऊंचा अमीरपुर गांव से खगौंड़ा गांव का रास्ता भी शामिल है।

मुख्यमंत्री से समस्या के समाधान की मांग

भाजपा विधायक तेजपाल नागर ने भी दादरी क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को हैबतपुर और कुलेसरा की बिजली की समस्या बताई। इन क्षेत्रों में विद्युत मीटर लगाकर विद्युत कनेक्शन देने की मांग की। इसके अलावा शाहबेरी क्षेत्र में जल निकासी की समस्या को स्थायी रूप से हल करने की कोशिश की जाएगी। सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र में सड़कों का विस्तार किया जाए ताकि वहाँ काम कर रहे लोगों को राहत मिल सके। उन्हें भी जिले में आंदोलनरत किसानों की समस्याएं मुख्यमंत्री से बताईं।

लैंड बैंक के लिए एजेंसी का चयन

नोएडा प्राधिकरण ने शहर में एक निजी जमीन बैंक बनाने का फैसला किया है। किसानों से सहमत होकर एजेंसी जमीन खरीदेगी। एजेंसी ने नलगढ़ा गांव में किसानों से समझौते के तहत जमीन खरीदने के लिए सर्वेक्षण शुरू किया।

यह काम प्राधिकरण ने टिला कंसल्टेंसी एंड कॉन्ट्रैक्टर प्राइवेट लिमिटेड को दिया है। यह निर्णय प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने शासन के निर्देश पर किया है। यह एजेंसी किसानों से मिलकर काम करेगी और मिलकर जमीन खरीदेगी। शासन के निर्देश पर जमीन बैंकों को बढ़ाया जा रहा है क्योंकि शहर में विदेशी कंपनियों के निवेश में बढ़ती दिलचस्पी है। लैंड बैंक को बढ़ाने के बाद शहर में पूंजी निवेश करने की इच्छा रखने वाली विश्व की सबसे बड़ी कंपनियों को प्राधिकरण जमीन देगा। यह संस्था जमीन खोजने के बाद किसानों से मिलकर सीधे जमीन खरीदेगी। इसके बाद प्राधिकरण योजना बनाकर निवेश करेगा।

1976 से लगातार विकसित हो रहे शहर में अब खाली जमीन नहीं है। जमीन की कमी के कारण नोएडा प्राधिकरण को कोई नई योजना नहीं बनाया जा सकता है। शासन के निर्देश पर प्राधिकरण शहर में जमीन की जांच करने के साथ-साथ निजी संस्थाओं की मदद से जमीन बैंक को बढ़ाने का प्रयास करेगा।

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