tenant rights 2025 : किराएदारों को मिले 5 अधिकार, अब मकान मालिक नहीं चला पाएगा मनमर्जी

tenant rights 2025 : किराएदारों को मिले 5 अधिकार, अब मकान मालिक नहीं चला पाएगा मनमर्जी

Himachali Khabar (tenant new rights) : देश में बड़ी आबादी मकान किराए पर लेकर रहती है। कई बार किराएदार को मकान मालिक से परेशान का सामना करना पड़ सकता है। किराएदार मजबूर होता है, लेकिन मजबूर होने की जरूरत नहीं है। अपने पांच अधिकारों (Five rights of tenant) को आपको जान लेना चाहिए। आइए जानते हैं किराए पर रहने वालों के सभी जरूरी कानूनी अधिकारों के बारे में।

 

घर बनाने के लिए काफी रुपयों की जरूरत होती है। इस वजह से बहुत लोग पूरी उम्र अपना घर नहीं बना पाते और किराए (rent) के घर में जिंदगी जीने को मजबूर होते हैं। वहीं कई लोग नौकरी के कारण अपने घर को छोड़कर किराए (tenant rights) के मकान में रहने को मजबूर होते हैं। किराए का मकान कोई भी मजबूरी में ही लेता है। ऐसे में किराएदारों के अधिकारों का आपको पता होना जरूरी है। 

 

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रेंट एग्रीमेंट बनाएं, पहले खाली नहीं करवाया जा सकता मकान

अकसर लोग बिना रेंट एग्रीमेंट (Rent agreement) के मकान में रहने लगते हैं, लेकिन किसी को भी अगर किराए पर रहना है तो रेंट एग्रीमेंट जरूर बनवा लें। इसमें लिखी समय सीमा से पहले मकान मालिक आपसे अपने घर को खाली करने की नहीं कह सकता है। हां, अगर दो माह का किराया (Two months rent) नहीं दिया या गलत प्रपज से प्रोपर्टी का इस्तेमाल किया है तो 15 दिन का नोटिस देकर मकान खाली करा सकता है।   

 

किराया बढ़ाने से पहले देना होगा नोटिस

मकान मालिक मकान का किराया मनमर्जी से नहीं बढ़ा सकता है। वह किराया बढ़ाना चाह रहा है तो  किराएदार को तीन माह पहले नोटिस (Notice) देना होता है। ऐसे ही अचानक किराए की बढ़ौतरी नहीं ककी जा सकती है। वहीं, बिजली पानी जैसी बेसिक सुविधाएं (Basic facilities for tenant) किराएदार का अधिकार है जो मकान मालिक को प्रोवाइड करानी होती है। 

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मकान की मरम्मत मकान मालिक की जिम्मेदारी

आपका रेंट एग्रीमेंट लागू होने के पश्चात भी मकान में कोई खराबी आती है तो उसे मकान मालिक ही ठीक कराएगा। मकान मालिक ऐसा न कराए तो आप किराया कम करवा सकते हैं। इसके लिए रेंट अथॉरिटी (tenant rights 2025) की सहायता ली जा सकती है। 

 

परिवार को नहीं निकाल सकता बाहर

मान लो किसी वजह से रेंट एग्रीमेंट का करार करने वाले किराएदार (tenant famil rights) की मौत हो जाए तो मकान मालिक किराएदार के परिवार को घर खाली करने की नहीं बोल सकता है। इसके लिए बची हुए समय का किराएदार के परिवार के साथ नया एग्रीमेंट बनवाया जा सकता है। 

 

किराएदार को निजता का अधिकार

हर किराएदार को निजता का अधिकार है। रेंट एग्रीमेंट (Right to privacy for tenant) लागू होने के बाद मकान मालिक बार-बार डिस्‍टर्ब नहीं कर सकता है। मकान मालिक किराएदार के मकान के हिस्से में कोई कार्य कराना चाहता है तो इसका भी कम से कम 24 घंटे पहले लिखित नोटिस देना होगा। मकान मालिक किराएदार के मकान में न होने की स्थिति में ताला नहीं तोड़ सकता है और न ही मकान मालिक घर से सामान बहार निकाल सकता है। 

रसीद का अधिकार

मकान मालिक से किराएदार को हर माह किराए की रसीद प्राप्त करने अधिकार है। यह रसीद वह अपने आयकर के खर्चों में प्रयोग कर सकता है। इसके अलावा अगर मकान मालिक तय समय से पहले किराएदार (tenant rights) से मकान खाली करवाता है तो कोर्ट में किराए की रसीद को सबूत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
 

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