नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने कई हस्तियों को पद्म पुरस्कार दिए हैं। सरकार ने 19 हस्तियों को पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया है, जिनमें साध्वी ऋतंभरा का नाम भी आया है। साध्वी को यह सम्मान सामाजिक कार्यों के लिए दिया गया है।
राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी
पद्म भूषण से सम्मानित साध्वी ऋतंभरा राम मंदिर आंदोलन से भी जुड़ी रही हैं। उन्होंने इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। उनका जन्म पंजाब के लुधियाना में हुआ था। दीदी मां के नाम से मशहूर साध्वी ऋतंभरा की एक कथावाचक के तौर पर भी खास पहचान है।
‘वसुधैव कुटुंबकम’ के दर्शन में आस्था
पिछले कुछ सालों में साध्वी ऋतंभरा देश की सबसे प्रमुख भारतीय अध्यात्मविद के तौर पर उभरी हैं। हालांकि, उनके आध्यात्मिक स्वरूप और दिव्य स्नेह से कई लोग मंत्रमुग्ध हुए हैं। इस स्नेह को ढालने का बेहतर प्रयास साध्वी ऋतंभरा ने ही किया है। दीदी मां का जन्म भले ही भारत में हुआ हो, लेकिन वे ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के दर्शन में विश्वास रखती हैं।
असहाय और बुजुर्ग महिलाओं के लिए काम
उनका मानना है कि पूरा विश्व उनका घर है और इस दुनिया में हर कोई उनके दिव्य प्रेम और स्नेह का हकदार है। इसके अलावा, उन्हें महिला सशक्तिकरण में भी दृढ़ विश्वास है, यही वजह है कि उन्होंने इस दिशा में बहुत काम किया है। लेकिन दीदी मां का सबसे उल्लेखनीय काम वात्सल्य ग्राम- ‘मातृ प्रेम का गांव’ है।
उन्होंने अनाथ बच्चों, असहाय और बुजुर्ग महिलाओं के लिए परिवार की एक अनूठी अवधारणा विकसित की है। दीदी मां के नाम से मशहूर साध्वी अक्सर कहती हैं कि ‘विश्वनाथ’ और ‘रघुनाथ’ की धरती पर कोई अनाथ कैसे हो सकता है।
केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 139 हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया है। इनमें 113 लोगों को पद्म श्री, 7 को पद्म विभूषण और 19 हस्तियों को पद्म भूषण पुरस्कार दिया गया है।
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