नई दिल्ली: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत को सौंपने के लिए मंजूरी दे दी है, जो भारत के लिए महत्वपूर्ण जीत मानी जा रही है। भारत कई वर्षों से राणा की वापसी की मांग कर रहा था और यह मामला पिछले एक साल से अमेरिकी अदालतों में चल रहा था। राणा ने कई कोर्टों में कानूनी लड़ाई लड़ी थी, लेकिन अब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी है, जिससे उसकी उम्मीदें खत्म हो गईं हैं।
मुंबई हमले आर्थिक सहायता दी थी
राणा पर आरोप है कि उसने 2008 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली को आर्थिक सहायता दी थी। राणा को 2009 में अमेरिकी संघीय पुलिस ने गिरफ्तार किया था और तब से भारत उसको वापस लाने की कोशिश कर रहा था। अमेरिकी अदालत ने उसे डेनमार्क में आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने के आरोप में 14 साल की सजा सुनाई थी, हालांकि मुंबई हमले से उसे बरी कर दिया था।
कौन है तहव्वुर राणा?
तहव्वुर राणा एक पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक हैं, जिनका जन्म पाकिस्तान में हुआ था और वे पेशे से डॉक्टर हैं। वे पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर की सेवा दे चुके हैं और 26/11 के मुंबई हमले के मुख्य आरोपी डेविड हेडली के करीबी साथी माने जाते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, राणा ने मुंबई में हमले को वित्तीय सहायता प्रदान की थी। हालांकि, अमेरिकी अदालत ने उसे मुंबई हमले से बरी किया था, लेकिन भारत ने अपने कूटनीतिक प्रयासों से उसे दोषी साबित किया और अमेरिकी अधिकारियों से उसकी प्रत्यर्पण की अपील की। 2020 में एफबीआई ने राणा को मुंबई हमले में आरोपित किया और अब सुप्रीम कोर्ट ने उसे भारत भेजने की मंजूरी दी है।
2008 का मुंबई हमला
मुंबई में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने तीन दिन तक आतंक फैलाया था। आतंकियों ने नाव से मुंबई में घुसकर 60 घंटे तक शहर में तबाही मचाई थी। हमले में 175 लोग मारे गए थे और सुरक्षा बलों ने 9 आतंकवादियों को मार गिराया था। अजमल कसाब, जो अकेला जिंदा पकड़ा गया था, वह इस हमले का अहम आरोपी था।
भारत ने कैसे राणा का गुनाह साबित किया
अमेरिकी पुलिस ने 2009 में राणा को गिरफ्तार किया था, लेकिन उसे मुंबई हमले से बरी कर दिया था। फिर भारत ने डेविड हेडली को सरकारी गवाह बना कर राणा पर आरोप साबित किए और उसकी गिरफ्तारी और भारत वापस लाने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया।
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