Som Pradosh Vrat 2025: सोम प्रदोष का व्रत कैसे करें? पूजा सामग्री से लेकर विधि तक, एक क्लिक में जानें सबकुछ!

Som Pradosh Vrat 2025: सोम प्रदोष का व्रत कैसे करें? पूजा सामग्री से लेकर विधि तक, एक क्लिक में जानें सबकुछ!

सोम प्रदोष व्रत कैसे करें

Magh Month Som Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व माना जाता है, जो कि हर महीने की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है. इस तरह से एक महीने में दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं. प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. धार्मिक मान्यताओं अनुसार, प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति को दो गाय दान करने के बराबर पुण्य प्राप्त होता है. कई जगहों पर प्रदोष व्रत को प्रदोषम भी कहा जाना जाता है.

इस समय माघ माह चल रहा है और इस महीने में भी प्रदोष व्रत पड़ने वाले हैं. माघ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर सोम प्रदोष व्रत रखा जाएगा. हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बेहद अधिक महत्व माना गया है. अगर आप भी सोम प्रदोष व्रत रखने वाले है, तो चलिए आपको सोम प्रदोष व्रत से जुड़ी सारी जानकारी इस लेख में बताते हैं.

माघ माह का सोम प्रदोष व्रत कब है?

पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 26 जनवरी को रात 8:54 मिनट पर शुरू हो रही है. वहीं, इस तिथि का समापन 27 जनवरी को रात 08:27 मिनट पर होगा. ऐसे में माघ माह का पहला प्रदोष व्रत 27 जनवरी को रखा जाएगा. प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में करना शुभ माना जाता है. इस दिन पूजा का मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है –

  1. सोम प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त – 27 जनवरी शाम 5:56 मिनट से 8:34 मिनट तक.

सोम प्रदोष का क्या अर्थ है?

सोमवार को त्रयोदशी तिथि आने पर इसे सोम प्रदोष कहा जाता है. यह व्रत रखने से इच्छा अनुसार हर फल प्राप्ति होती है. जिस व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा अशुभ फल दे रहा हो, तो उसे सोम प्रदोष जरूर नियम पूर्वक रखना चाहिए. अक्सर लोग संतान प्राप्ति के लिए यह व्रत रखते हैं.

सोम प्रदोष व्रत से क्या फल मिलता है? (Som Pradosh vrat benefits)

प्रदोष का महत्व तब और अधिक बढ़ जाता है, जब यह सोमवार के दिन पड़ता है. इसका कारण है कि सोमवार का दिन भी पूर्णरूप से शिवजी को समर्पित होता है और प्रदोष व्रत भी. ऐसे में सोम प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की आराधना करने से मनुष्य को सभी सुखों की प्राप्ति होती है और हर कष्ट दूर हो जाते हैं.

सोम प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सारी बाधाएं दूर होती हैं और उसे शारीरिक, मानसिक और आत्मिक शक्ति मिलती है. इसके अलावा, सोम प्रदोष व्रत करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है पितृ दोष भी दूर होता है.

सोम प्रदोष व्रत पूजा सामग्री (Som Pradosh Vrat Puja Samagri)

लाल या पीला गुलाल, सफेद मिठाई, सफेद चंदन, भांग, धतूरा, बेलपत्र, धागा, कपूर, अक्षत, कलावा, चिराग, फल, फूल, धूपबत्ती, रोली, कलावा, गंगाजल, शहद, दूध, घी, साफ कपड़ा, शिवजी की प्रतिमा आदि.

सोम प्रदोष की पूजा कैसे करें? (Som Pradosh Vrat Puja Vidhi)

  • प्रदोष व्रत के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाना चाहिए.
  • इसके बाद स्नान करके साफ कपड़े पहनकर भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए.
  • प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा बेल पत्र, अक्षत, धूप, गंगाजल से करें.
  • सोम प्रदोष व्रत निर्जला या फलाहारी भोजन के साथ रखा जाता है.
  • सोम प्रदोष व्रत शाम के समय दोबारा से स्नान कर साफ वस्त्र धारण करने चाहिए.
  • इसके बाद गाय के गोबर से एक मंडप तैयार करना चाहिए.
  • फिर पांच अलग-अलग तरह के रंगों से मंडप में एक रंगोली बना लें.
  • मंडप पर उत्तर पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके कुशा के आसन पर बैठ जाएं.
  • इसके बाद भगवान शिव के ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप उन्हें जल चढ़ाएं.
  • जल चढ़ाने के बाद फिर प्रदोष व्रत की कथा सुनें या पढ़ें.
  • सोम प्रदोष व्रत की कथा पढ़ने के बाद शिवजी आरती करें.
  • आप शाम की पूजा के बाद या अगले दिन अपना व्रत खोल सकते हैं.

सोम प्रदोष व्रत का उद्यापन कैसे करें? (Pradosh Vrat Udyapan)

सोम प्रदोष व्रत का उद्यापन करने के लिए शाम को स्नान करने के बाद भगवान शिव और माता गौरी की विधिवत पूजा करें. इसके बाद मंडप पर शिव-पार्वती के उद्देश्य से खीर से अग्नि में हवन करें. हवन करते समय ‘ऊँ उमा सहति शिवाय नमः’मंत्र से 108 बार आहुति दें. इसके बाद आप अपना व्रत खोल सकते हैं.

सोम प्रदोष व्रत में क्या दान करना चाहिए?

  • सोम प्रदोष व्रत के दिन फल का दान करना अत्यंत लाभकारी माना गया है.
  • सोम प्रदोष व्रत के दिन कपड़ों का दान करने से जीवन में खुशहाली आती है.
  • सोम प्रदोष व्रत के दिन अन्न दान करना बेहद लाभकारी माना गया है.
  • सोम प्रदोष व्रत के दिन काले तिल का दान करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है.

सोम प्रदोष व्रत के नियम (Som Pradosh Vrat Niyam)

  • सोम प्रदोष व्रत में सुबह-शाम दोनों समय भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए.
  • सोम प्रदोष व्रत में अपनी इच्छानुसार निर्जला या फलाहार लेकर भी रख सकते हैं.
  • सोम प्रदोष व्रत कितने रख रहे हैं, इसका पहले ही संकल्प ले लेना चाहिए.
  • सोम प्रदोष व्रत का उद्यापन विधि विधान से ही करना चाहिए.

सोम प्रदोष व्रत में क्या खाना चाहिए? (Som Pradosh Vrat what to eat)

सोम प्रदोष व्रत हो या अन्य कोई अभी प्रदोष व्रत, उसमें आप फलाहार कर सकते हैं. फलाहार में आप आलू, साबूदाने की खिचड़ी या खीर खा सकते हैं. इसके अलावा, प्रदोष व्रत में आप फलों की चाट बनाकर खा सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि प्रदोष व्रत के दिन लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करना है.

सोम प्रदोष व्रत में क्या भोग लगाना चाहिए?

सोम प्रदोष दिन भगवान शिव को खीर, आलू का हलवा, दही, सफेद बर्फी और घी का भोग लगाना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इन चीजों का भोग अर्पित करने से संतान से संबंधित समस्या दूर होती है.

प्रदोष व्रत में दूध पी सकते हैं क्या?

प्रदोष व्रत के दिन व्रत का संकल्प लेकर दूध का सेवन करना चाहिए. दूध भगवान शिव को प्रिय होता है.

क्या हम प्रदोष व्रत में सेंधा नमक खा सकते हैं?

सोम प्रदोष व्रत में आप साधारण नमक की जगह सेंधा नमक का सेवन कर सकते हैं.

क्या हम प्रदोष व्रत पर चावल खा सकते हैं?

नहीं, प्रदोष व्रत पर चावल नहीं खाने चाहिए. प्रदोष व्रत के दौरान गेहूं और चावल का सेवन करने से आपका व्रत खंडित हो सकता है.

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