

UP News: उत्तर प्रदेश को विभाजित करने के सवाल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी राय स्पष्ट कर दी है। उन्होंने राज्य की एकता को इसकी असली ताकत बताते हुए यूपी को बांटने के विचार को पूरी तरह खारिज कर दिया।
सीएम योगी ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में अपनी पहचान और ताकत के साथ आगे बढ़ने की पूरी क्षमता है। ऐसे में इसे बांटने की नहीं बल्कि एकजुट रखने की जरूरत है। सीएम योगी ने यह बात नेटवर्क 18 को दिए इंटरव्यू में कही।
दरअसल, इंटरव्यू में मुख्यमंत्री से 2011 में मायावती सरकार के दौरान यूपी के बंटवारे के प्रस्ताव पर सवाल किया गया था। इस पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश को बांटना ठीक नहीं है। यूपी की अपनी पहचान और ताकत है। इसे बांटने की नहीं, बल्कि एकजुट रखने की जरूरत है।
यूपी की एकता में ही राज्य का गौरव
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की एकता ही इसकी असली पहचान और गौरव है। हमें यूपी को जोड़कर रखना चाहिए, क्योंकि एकजुटता से ही राज्य का विकास और गौरव संभव है। उत्तर प्रदेश को अपनी परंपराओं और इतिहास पर गर्व करना चाहिए, और इसे संजोए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
बता दें कि साल 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों-पूर्वांचल, पश्चिम प्रदेश, बुंदेलखंड, और अवध प्रदेश में विभाजित करने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, उस समय केंद्र की यूपीए सरकार ने इस प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया।
विभाजन के पक्ष में कई बार यह तर्क दिया जाता है कि छोटे राज्यों का विकास तेजी से हो सकता है। इसी तर्क के आधार पर पश्चिम प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग भी उठती रही है। केंद्रीय मंत्री रहे संजीव बालियान ने भी लोकसभा चुनाव के दौरान इस मांग का समर्थन किया था।
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को बांटने की बजाय राज्य की विकास योजनाओं को मजबूत करना ज्यादा जरूरी है। आपको यह भी बता दें कि बंटवारे की मांग को लेकर जनता में भी अलग-अलग राय है। कुछ लोग छोटे राज्यों के विकास की बात करते हैं, तो कुछ यूपी की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक एकता को बनाए रखने के पक्षधर हैं।