क्या धनकुबेर सौरभ शर्मा अपनी मर्जी से हुआ गिरफ्तार? संदेह के घेरे में आई मध्य प्रदेश की लोकायुक्त पुलिस

क्या धनकुबेर सौरभ शर्मा अपनी मर्जी से हुआ गिरफ्तार? संदेह के घेरे में आई मध्य प्रदेश की लोकायुक्त पुलिस

लोकायुक्त पुलिस की गिरफ्त में सौरभ शर्मा

मध्य प्रदेश में RTO के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा को तो आप जानते ही होंगे, वहीं सौरभ शर्मा जिसके ठिकाने से लोकायुक्त की टीम ने 52 करोड़ का सोना और 11 करोड़ रुपये कैश में पकड़े थे. इसके बाद उसे मध्य प्रदेश में काली कमाई का धनकुबेर तक कहा गया. उस सौरभ शर्मा को लोकायुक्त पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है. लोकायुक्त पुलिस का दावा है कि वह सरेंडर करने जा रहा था, रास्ते में उसे पकड़ा गया है. हालांकि उसकी गिरफ्तारी पर ही सवाल खड़े हो गए हैं. आशंका तो यहां तक जताई जा रही है कि सौरभ शर्मा ने एजेंसियों को भी मैनेज कर लिया है.

दरअसल सौरभ शर्मा 41 दिनों से फरार था. लोकायुक्त पुलिस ने ही पहले दावा किया था कि वह दुबई भाग गया है. इसके बाद लुकआउट नोटिस जारी किया गया. इसके बाद उसकी तलाश में तीन केन्द्रीय एजेंसियां इनकम टैक्स, DRI और ED भी जुट गई. बावजूद इसके कोई सुराग तक नहीं मिला. इस बीच सौरभ शर्मा सोमवार को अपने वकील के साथ लोकायुक्त कोर्ट पहुंचा और सरेंडर की अर्जी लगाई. इस अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई होनी थी. इसके लिए वह दोबारा कोर्ट पहुंच गया, लेकिन यहां पहले से तैनात लोकायुक्त पुलिस ने उसे दबोच लिया.

दुबई से सरेंडर करने क्यों आया सौरभ शर्मा

इसके बाद डीजी लोकायुक्त जयदेव प्रसाद ने दावा किया कि सौरभ शर्मा को भोपाल के एक लोकेशन से अरेस्ट किया गया है. हालांकि उन्होंने लोकेशन नहीं बताई. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि लुकआउट नोटिस के बाद सौरभ शर्मा दुबई से वापस कैसे आ गया और किसी को भनक तक नहीं लगी. इसी से लगता हुआ दूसरा सवाल यह कि वह दुबई से यहां आया ही कयों? इस मामले में तीसरा सवाल यह कि यदि वह दुबई गया ही नहीं तो ये एजेंसियां कहां पर उसकी तलाश कर रहीं थीं.

संदेह के घेरे में लोकायुक्त पुलिस

उधर, सौरभ शर्मा ने कोर्ट में दाखिल अपने सरेंडर पत्र में लिखा है कि उसकी जान को खतरा है. उसके वकील ने बताया कि इस खतरे से बचने के लिए ही वह कोर्ट में सरेंडर करना चाहता था. कहा कि लोकायुक्त पुलिस उसे फंसाने की कोशिश कर रही है. उधर, इस गिरफ्तारी के बाद लोकायुक्त पुलिस भी संदेह के घेरे में आ गई है. पूछा जा रहा है कि सोमवार को सौरभ शर्मा कोर्ट आया और चला भी गया. इसकी खबर तो पुलिस को नहीं लगी, लेकिन मंगलवार को कोर्ट के बाहर अचानक से लोकायुक्त पुलिस उसे पकड़ने के लिए कैसे पहुंच गई.

सौरभ के प्लान का हिस्सा है गिरफ्तारी

माना जा रहा है कि सौरभ शर्मा की यह गिरफ्तारी उसके प्लान का हिस्सा है और लोकायुक्त पुलिस उसके मोहरे के रूप में काम कर रही है. इसी के साथ एक और बड़ा सवाल उठ रहा है कि आखिर सौरभ ने सरेंडर की योजना क्यों बनाई. डीजी लोकायुक्त पुलिस का कहना है कि जांच एजेंसियों की घेराबंदी से घबरा कर उसने ऐसा किया है. हालांकि मौजूदा परिदृष्य में डीजी लोकायुकत पुलिस की बात तर्कसंगत नजर नहीं आती. माना जा रहा है कि एक बार जेल जाने के बाद बाहर आने का रास्ता उसने पहले ही तैयार कर लिया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *