नई दिल्ली : बॉलीवुड की सबसे पसंदीदा अभिनेत्रियों में से एक अनुष्का शर्मा को बल्जिंग डिस्क की समस्या है। जिसे आम भाषा में स्लिप्ड डिस्क या बल्जिंग डिस्क के नाम से जाना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब अनुष्का शर्मा फिल्म ‘सुई धागा’ का प्रमोशन कर रही थीं, उस दौरान उन्हें ये समस्या हुई थी। जिसके बाद डॉक्टरों ने एक्ट्रेस को आराम करने की सलाह दी थी।
लक्षण
बल्जिंग डिस्क तब होती है जब डिस्क की कठोर बाहरी परत स्पाइनल कैनाल में उभर जाती है.
बल्जिंग डिस्क के लक्षणों की बात करें तो इस बीमारी में सबसे पहले दर्द हाथ-पैरों में होगा।
आपको बैठने और उठने में परेशानी होगी।
मांसपेशियों में कमजोरी।
हाथ-पैरों में सुन्नपन।
बल्जिंग डिस्क से ऐसे पाएं छुटकारा
अगर आप बल्जिंग डिस्क से खुद को बचाना चाहते हैं तो नियमित रूप से व्यायाम करते रहें।
अपनी जीवनशैली में पैदल चलना और सुम्मिंग को शामिल करें।
जितना हो सके ताजे फल और हरी सब्जियां खाएं।
अपनी रीढ़ की हड्डी पर ज्यादा दबाव न डालें। इसलिए बैठते समय सावधान रहें।
बल्जिंग डिस्क क्यों हो जाती है
दरअसल, इंटरवर्टेब्रल डिस्क कशेरुकाओं के बीच एक शॉक एब्जॉर्बर के रूप में काम करती है, लेकिन बल्जिंग डिस्क में इंटरवर्टेब्रल डिस्क का अंदरूनी हिस्सा डिस्क से बाहर निकलने लगता है। डिस्क पर एक मोटी बाहरी परत होती है, जो नरम होती है और जेल से घिरी होती है। बल्जिंग डिस्क के कारण हर्नियेटेड डिस्क की समस्या भी हो सकती है। जब विस्तार या उभार आसपास की तंत्रिका जड़ों पर अधिक दबाव डालने लगता है, तो बल्जिंग डिस्क की समस्या होने लगती है। इसमें रीढ़ की हड्डी से लेकर शरीर के निचले हिस्से या अन्य हिस्सों में दर्द बढ़ने लगता है।
ब्लजिंग डिस्क क्या होता है
ब्लजिंग डिस्क को ‘हर्नियेटेड डिस्क’ के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी के कारण रीढ़ की हड्डी में काफी तेज से दर्द उठता है। जो कि धीरे-धीरे शरीर के और पार्ट्स में होने लगता है। अगर आपके गर्दन में हर्नियेटेड डिस्क है तो यह इसमें बहुत ही बुरा असर डालेगी। इसकी वजह से आपके कंधों के साथ-साथ हाथों में भी तेज दर्द होगा।
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