देशभर के वाहन मालिकों के लिये मोदी सरकार ने बदला नियमः जान लें वरना लगेगा महंगा फटका

Modi government changed the rules for vehicle owners across the country: Know them or else you will have to pay a heavy priceModi government changed the rules for vehicle owners across the country: Know them or else you will have to pay a heavy price

What is Third Party Insurance: अगर आपको कार के ल‍िए पेट्रोल-डीजल, FASTag लेना है या अपना डीएल र‍िन्‍यू कराना है तो आपके पास वैल‍िड थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस होना जरूरी है. जी हां, जल्‍द ही ऐसा न‍ियम लागू होने जा रहा है. इसका सीधा सा मतलब हुआ क‍ि थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस नहीं होने पर आपके डीएल का र‍िन्‍यूअल नहीं होगा. इतना ही नहीं आपको FASTag इश्‍यू कराने या पेट्रोल-सीएनजी लेने की भी अनुमत‍ि नहीं होगी. वित्त मंत्रालय ने सड़क परिवहन मंत्रालय से थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस को ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों तक पहुंचाने के ल‍िए कड़े कदम उठाने के ल‍िये कहा है.

डीएल और पॉल्‍यूशन सर्ट‍िफ‍िकेट का र‍िन्‍यूअल भी शामिल

फाइनेंस म‍िन‍िस्‍ट्री की तरफ से सड़क परिवहन मंत्रालय से मोटर व्‍हीकल इंश्‍योरेंस से जुड़े अलग-अलग उपायों पर चर्चा के करने के लिए कहा गया है. इसके तहत यह फोक‍िस क‍िया जाएगा क‍ि मोटर वाहन अधिनियम के तहत कोई भी व्‍हीकल थर्ड-पार्टी इंश्‍योरेंस के ब‍िना सड़क पर नहीं चले. इसमें बिना इंश्‍योरेंस वाले वाहन मालिकों को टेक्स्ट मैसेज भेजना, पेट्रोल-डीजल खरीदने और FASTag इश्‍यू कराने के लिए थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस होना जरूरी है. इसमें डीएल और पॉल्‍यूशन सर्ट‍िफ‍िकेट का र‍िन्‍यूअल भी शामिल है.

नियमों में बदलाव क‍िया जा सकता है
मोटर व्‍हीकल एक्‍ट, 1988 के तहत सभी मोटर व्‍हीकल का थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस जरूर होना जरूरी है. ऐसा नहीं होने पर तीन महीने की जेल भी हो सकती है. यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है जब भारतीय सड़कों पर चलने वाले दो में से एक व्‍हीकल का थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस नहीं है. यह इंश्‍योरेंस सड़क हादसे में अजनबी को होने वाले नुकसान की भरपाई के ल‍िए डिजाइन किया गया है. इस तरह के प्रस्ताव पर काम किया जा रहा है और जल्द सड़क परिवहन मंत्रालय मोटर वाहन अधिनियम को नियंत्रित करने वाले नियमों में बदलाव क‍िया जा सकता है.

आपके पास वाहन का वैल‍िड थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस होना चाह‍िए
थर्ड पार्टी के इंश्‍योरेंस कवर के साथ अलग-अलग वाहन-संबंधी अनुपालनों को जोड़ सकता है और जरूरी नोट‍िफ‍िकेशन जारी क‍िया जा सकता है. इसके अलावा, सड़क परिवहन मंत्रालय सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को मोटर व्‍हीकल एक्‍ट के प्रावधानों के सख्त प्रवर्तन के लिए जरूरी निर्देश भी जारी करेगा, यह थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस कवर को जरूरी करता है. सरकार की तरफ से यह प्‍लान‍िंग की जा रही है क‍ि क‍िसी भी कार या बाइक से जुड़े सभी जरूरी काम जैसे पेट्रोल खरीदना, फास्टैग लेना, लाइसेंस रिन्यू कराना तब ही हो सकें जब आपके व्‍हीकल का थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस वैल‍िड हो. इसके लिए सड़क परिवहन मंत्रालय जल्द नियमों में बदलाव कर सकता है.

इसके अलावा, सभी राज्यों को निर्देश दिये जाएंगे क‍ि वे बिना थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई करें. इरडा (IRDAI) के आंकड़ों के अनुसार देश में सड़कों पर चलने वाले करीब 35 से 40 करोड़ वाहनों में से करीब 50% वाहनों का ही थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस है. हाल ही में संसद की वित्त संबंधी स्थायी समिति ने थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस कवरेज बढ़ाने के तरीकों पर विचार करने का सुझाव दिया है.

पिछले महीने संसद में पेश सातवीं रिपोर्ट में समिति ने नोट किया कि 31 मार्च, 2020 तक, 56% तक वाहन बिना इंश्‍योरेंस के थे. सरकार से डेटा कलेक्‍शन का फायदा उठाकर राज्यों में इलेक्ट्रॉनिक चालान के कार्यान्वयन की जांच करने के ल‍िए कहा है. रिपोर्ट में कहा गया कि राज्यों को व्‍हीकल रज‍िस्‍ट्रेशन और इंश्‍योरेंस कवरेज पर डेटा की रिपोर्ट देनी चाहिए.

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