गुड़िया मर्डर केस, आरोपी की कस्टडी में डेथ… कौन हैं हिमाचल प्रदेश के IG जहूर हैदर जैदी जिन्हें मिली उम्र कैद की सजा?

गुड़िया मर्डर केस, आरोपी की कस्टडी में डेथ... कौन हैं हिमाचल प्रदेश के IG जहूर हैदर जैदी जिन्हें मिली उम्र कैद की सजा?

आईजी जहूर जैदी को उम्रकैद की सजा.

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में साल 2017 का बहुचर्चित गुड़िया गैंगरेप और हत्याकांड (Gudiya Gangrape Murder ) मामले से तो लगभग हर कोई वाकिफ है. इस केस में नेपाली मूल के आरोपी सूरज की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी. सीबीआई की चंडीगढ़ स्थित विशेष अदालत ने सूरज की पुलिस कस्टडी मौत के मामले में सोमवार को सुनवाई की. फिर इस पर अपना फैसला भी सुना दिया.

कोर्ट ने हिमाचल पुलिस के आईजी एवं आईपीएस अधिकारी जहूर हैदर जैदी, एचपीएस अधिकारी एवं डीएसपी मनोज जोशी समेत आठ पुलिसकर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है.

यही नहीं, इन सभी को एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट का ये फैसला सूरज की मौत के साढ़े सात साल बाद आया है. दोषियों में IG जहूर जैदी, डीएसपी मनोज जोशी के साथ कोटखाई थाने के तत्कालीन SHO रजिंदर सिंह, एएसआई दीप चंद शर्मा, हेड कांस्टेबल मोहन लाल, सूरत सिंह, रफी मोहम्मद और कांस्टेबल रंजीत स्टेटा शामिल हैं.

सीबीआई कोर्ट ने 18 जनवरी को इन सभी को दोषी करार दिया था. अदालत ने गवाहों के बयान, सबूतों और सभी पक्षों की दलीलों के आधार पर यह निर्णय लिया. वहीं शिमला के तत्कालीन एसपी डी. डब्ल्यू. नेगी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था. इसके बाद सभी दोषियों को हिरासत में लेकर चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल भेज दिया गया.

क्या है गुड़िया हत्याकांड?

16 वर्षीय छात्रा गुड़िया के साथ 4 जुलाई 2017 को गैंगरेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. आरोपियों ने कोटखाई के तांदी जंगल में इस वारदात को अंजाम दिया था. फिर गुड़िया के शव को निर्वस्त्र हालत में छोड़कर भाग गए थे. उस वक्त इस केस की जांच तत्कालीन आईजी जहूर हैदर जैदी की अध्यक्षता में शुरू की गई. एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठित इस केस की जांच के लिए किया गया था.

2017 में हुई थी सूरज की मौत

मामले में पुलिस को जल्द ही कामयाबी भी मिल गई. सभी सात आरोपियों को एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया. इन्हीं आरोपियों में से एक था नेपाली मूल का सूरज. सूरज की 18 जुलाई 2017 को कोटखाई थाने की हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. शव का पोस्टमार्टम हुआ तो पता चला कि सूरज की मौत पुलिस की बर्बरता के कारण हुई है. मामले ने इतना तूल पकड़ा कि हाईकोर्ट के आदेश पर इस केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई.

सीबीआई ने पाया कि सूरज की हत्या पुलिस हिरासत में हुई और इसके लिए पुलिसकर्मियों ने षड्यंत्र रचा था. इसके बाद अगस्त 2017 में सीबीआई ने जैदी, जोशी और अन्य पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया. जांच और सुनवाई के दौरान जैदी पर गवाहों को धमकाने के भी आरोप लगे. इससे उनकी जमानत भी रद्द कर दी गई थी.

582 दिन जेल में रहे आईजी जैदी

IG जहूर जैदी को गिरफ्तार कर शिमला के कंडा जेल में रखा गया. वह 582 दिन तक जेल में रहे और अप्रैल 2019 में सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर रिहा हो गए. लेकिन कोर्ट में उनके खिलाफ ट्रायल जारी रहा. जैदी को अगस्त 2017 में निलंबित कर दिया गया था. लेकिन नवंबर 2019 में उन्हें बहाल कर दिया गया. 2020 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने जैदी को दोबारा निलंबित कर दिया. जनवरी 2023 में कांग्रेस सरकार ने जैदी की सेवाएं बहाल कर दीं. सितंबर 2023 में उन्हें पुलिस विभाग में तैनाती भी दे दी गई थी.

गुड़िया केस में क्या हुआ फैसला?

गुड़िया गैंगरेप और हत्या के मुख्य आरोपी अनिल उर्फ नीलू को भी कोर्ट से साल 2021 में उम्र कैद की सजा मिल चुकी है. अप्रैल 2018 में सीबीआई ने चिरानी नीलू को गिरफ्तार किया था. 28 अप्रैल 2021 को शिमला की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया था. अब सूरज की पुलिस कस्टडी में मौत को लेकर चंडीगढ़ कोर्ट का फैसला आया है.

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