
Kumbh Mela 2025 को लेकर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ और अन्य संगठनों ने बसंत पंचमी अवकाश (Basant Panchami Holiday) की तिथि में संशोधन की मांग की है। संगठनों ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र लिखते हुए कहा है कि वर्तमान अवकाश तालिका में बसंत पंचमी का स्नान 2 फरवरी को दिखाया गया है, जबकि वास्तव में स्नान पर्व 3 फरवरी को होगा। इस स्थिति को देखते हुए शिक्षक संगठनों ने मांग की है कि दो फरवरी की जगह तीन फरवरी को अवकाश घोषित किया जाए।
मौनी अमावस्या पर भी अवकाश की मांग
शिक्षक संगठनों ने 29 जनवरी को भी सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की है, क्योंकि इस दिन मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) का पावन पर्व होगा। यह मांग माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह और शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी ने भी उठाई है। उनका कहना है कि इस दिन स्नान पर्व के महत्व को देखते हुए शिक्षकों और कर्मचारियों को अवकाश दिया जाना आवश्यक है।
तीन दिन का सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की अपील
विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन (BTC Teacher Welfare Association) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर महाकुंभ के मद्देनजर तीन दिन का सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की है। संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष संतोष तिवारी और प्रदेश सचिव संयुक्त मोर्चा दिलीप चौहान का कहना है कि यह महाकुंभ 144 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद आयोजित हो रहा है। ऐसे ऐतिहासिक अवसर पर हर व्यक्ति को परिवार सहित संगम में स्नान और धार्मिक अनुष्ठान करने का अवसर मिलना चाहिए।
संघ की दलील है कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह आस्था और आध्यात्मिकता का सबसे बड़ा संगम है। हजारों शिक्षक और सरकारी कर्मचारी भी इस आयोजन में भाग लेना चाहते हैं। इसलिए सरकार को इस विशेष अवसर को ध्यान में रखते हुए तीन दिन का सार्वजनिक अवकाश घोषित करना चाहिए।
वाराणसी में 5 फरवरी तक ऑनलाइन कक्षाएं
महाकुंभ 2025 के दौरान भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए वाराणसी में 1 से 12वीं तक की स्कूल कक्षाएं ऑनलाइन (Online Classes) संचालित की जाएंगी। जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) ने निर्देश जारी कर सभी स्कूलों को 5 फरवरी तक ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखने को कहा है।
सरकार और प्रशासन का मानना है कि महाकुंभ के चलते लाखों श्रद्धालु प्रयागराज और वाराणसी का रुख करेंगे, जिससे सड़कों और सार्वजनिक परिवहन पर भारी दबाव पड़ेगा। ऐसे में छात्रों की सुरक्षा और निर्बाध पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
महाकुंभ 2025: ऐतिहासिक महत्व और तैयारियां जोरों पर
महाकुंभ मेला (Kumbh Mela 2025) इस बार 144 वर्षों के बाद एक विशेष संयोग में पड़ रहा है। इस आयोजन को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए प्रशासन द्वारा व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। संगम नगरी प्रयागराज में सुरक्षा, स्वच्छता और यातायात की बेहतरीन व्यवस्था की जा रही है। करोड़ों श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए परिवहन, ठहरने और चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाया जा रहा है।
महाकुंभ के दौरान विभिन्न तिथियों पर प्रमुख स्नान पर्व होंगे, जिनमें मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी और महाशिवरात्रि प्रमुख हैं। ऐसे में संगठनों की यह मांग है कि कर्मचारियों और शिक्षकों को इस ऐतिहासिक आयोजन में भाग लेने का पूरा अवसर मिलना चाहिए।
क्या सरकार करेगी शिक्षकों की मांग पूरी?
शिक्षक संगठनों द्वारा उठाई गई मांगों पर सरकार का क्या रुख होगा, यह देखना अभी बाकी है। हालांकि, संगठनों की दलीलें यह दर्शाती हैं कि महाकुंभ एक ऐसा आयोजन है, जो हर 144 वर्षों में एक बार आता है, और इसे देखने और इसमें भाग लेने का अवसर सभी को मिलना चाहिए। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मांग को स्वीकार करती है या नहीं।
— Gazab Info (@gazabinfoblog) November 9, 2024