Vidur Niti, Haryana Update : महात्मा विदुर महाभारत महाकाव्य के प्रमुख पात्रों में से एक हैं। शक्तिशाली योद्धा न होने के बावजूद विदुर को उनकी नीतियों के लिए याद किया जाता है। महात्मा विदुर की नीतियां महाभारत काल में जितनी प्रासंगिक थीं, उतनी ही आज भी प्रासंगिक हैं। उनकी नीतियां जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़ी हैं, जो व्यक्ति अपने जीवन में इन नीतियों का पालन करता है, वह जीवन में आने वाली हर कठिनाई का डटकर सामना करता है। इसके साथ ही व्यक्ति को जीवन जीने की कला भी सीख मिलती है। उनकी नीतियां व्यक्ति को चतुराई के साथ जीवन जीना सिखाती हैं। ऐसे में अगर व्यक्ति को सुखी जीवन जीना है तो उसे भूलकर भी इन लोगों को अपने राज नहीं बताने चाहिए।
लालची स्वभाव वाले लोग –
विदुर नीति के अनुसार कभी भी लालची व्यक्ति को अपने राज नहीं बताने चाहिए, क्योंकि लालची व्यक्ति किसी का सगा नहीं होता। अपने फायदे और लालच के लिए वह आपके राज किसी और को बताने में संकोच नहीं करता। वह आपको धोखा देने में देर नहीं लगाएगा। ऐसे में व्यक्ति को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि लालची लोगों को वो बातें नहीं बतानी चाहिए जिनका वह भविष्य में गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।
बातूनी लोग-
विदुर नीति के अनुसार बातूनी लोग यानि बहुत ज्यादा बोलने वाले व्यक्ति को कभी भी अपने राज नहीं बताने चाहिए, क्योंकि ऐसे लोग दूसरों की बातें सुनने के बहुत शौकीन होते हैं। साथ ही ये दूसरों के लिए गड्ढा खोदने में भी सबसे आगे होते हैं। ऐसे में इन लोगों से दूरी बनाकर रखना ही सही है। बातूनी लोग दूसरों के राज बताने में ज्यादा आगे होते हैं। ऐसे लोग भविष्य में आपकी बातों का फायदा भी उठा सकते हैं।
चालाक लोग-
महात्मा विदुर की नीतियों में बताया गया है कि चालाक व्यक्ति को अपने राज नहीं बताने चाहिए। चालाक लोग दूसरों की बातें, भावनाएं और विचार बहुत आसानी से सुन लेते हैं और उन बातों का अपने हित में इस्तेमाल भी करते हैं। ऐसे में इन लोगों को भूलकर भी अपने गहरे राज नहीं बताने चाहिए।