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इस दुनिया में कुत्तों को सबसे अधिक वफ़ादार जीव माना जाता है. कहते हैं इंसान भले आपका नामक खा कर आपसे गद्दारी कर दे मगर कुत्ता एक बार जिसकी रोटी खा लेता है, मरते दम तक उसके साथ धोखा नहीं कर सकता और ना ही उसे काट सकता है. कुत्तों की वफादारी के चलते ही अधिकतर लोग इन्हें घरों में पालना पसंद करते हैं. हालांकि बिल्लियाँ भी पालतू जानवर हैं और बहुत से लोग बिल्लियाँ पालने का शौंक रखते हैं. लेकिन बिल्लियाँ कभी किसी की वफादार नहीं होती. यकीन नहीं आए तो आप आजमा कर देख सकते हैं. आप एक दिन किसी कुत्ते को प्यार से खाना खिला दें तो वह पूरी उम्र आपके लिए पूँछ हिलाएगा. वहीँ अगर आप बिल्ली को एक दिन दूध पिला दें और अगले ही दिन उसको डांट लगा दें तो वह यकीनन आपको काटने का प्रयास करेंगी.
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कुत्ते इंसान के सच्चे मित्र होते हैं और उनका अच्छा बुरा अच्छे से समझते हैं. क्या अपने कभी सोचा है कि अधिकतर कुत्ते रात को क्यूँ भोंकते हैं? कुत्तों के रात में रोने को अपशगुन माना जाता है. पुराने बजुर्गों के अनुसार जब भी रात में कोई कुत्ता रोता है तो वह हमे संकेत देता है कि हमारे परिवार में जल्द किसी अपने की मौत होने वाली है. इसके इलावा बहुत से लोगों का ये मानना है कि कुत्तें प्रेत आत्मायों को देख सकते हैं और आस पास होने वाले खतरे को पहले से महसूस कर सकते हैं. ऐसे में अगर आधी रात को ये अचानक रोना शुरू कर दें तो इसका मतलब किसी प्रेत आत्मा से जोड़ा जाता है.
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हो सकता है यह सभी बातें सच हो. परन्तु अगर हम वैज्ञानिक दृष्टि से सोचें तो ऐसा कुछ भी नहीं है. वैज्ञानिकों ने कुत्तों को लेकर कईं प्रकार की रिसर्च की हैं जिनमे चौंका देने वाले परिणाम हमारे सामने आए हैं. दरअसल, कुत्तों के रोने को वैज्ञानिक भाषा में “हाउल” (Haul) कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि कुत्ते भेड़ियों की ही एक प्रजाति हैं. इसलिए अधिकतर कुत्ते भेड़ियों की तरह व्यवहार करते हैं. जिस प्रकार से भेड़िये एक दुसरे को सन्देश पहुंचाने के लिए रात में हाउल करते हैं, ठीक उसी प्रकार से भी कुत्ते अपनी भाषा में एक दुसरे को संकेत पहुंचाने के लिए हाउल का प्रयोग करते हैं.
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आपने अक्सर देखा होगा कि हर गली में कुछ कुत्ते रहते हैं. इसलिए कुत्ते जिस भी गली या मोहल्ले में रहते हैं, उसे अपना इलाका मान लेते हैं. ऐसे में अगर कोई अनजान कुत्ता उनके इलाके में घुसने की कोशिश करता है तो वह गुस्से में आग बबूला हो जाते हैं और अपने बाकी कुत्ते साथियों को नए कुत्ते के बारे में वार्न करने के लिए हाउल करना शुरू कर देते हैं. एक प्रकार से देखा जाए तो हाउल कुत्तों की एक दुसरे को अपने जज्बात बताने की भाषा है. बहुत से कुत्ते चिढ़कर व गुस्से से भी हाऊ करते है परन्तु इसका ये मतलब नहीं है कि वह आपकों काटेंगे.
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इसके इलावा कुत्ते अपना दर्द, नराजगी एवं गुस्सा जताने के लिए भी हाउल करते हैं. दरअसल, कुत्तों को शोर शराबा जैसे की घरों में बर्तन फेंकने की आवाजें आना पसंद नहीं होता. ऐसे में वह चिढ कर उस आवाज़ का विरोध करते हैं. इतना ही नहीं बल्कि जब कोई अनजान व्यक्ति उनके गली मोहल्ले में एंट्री लेता है तो वह अपने साथी कुत्तों को उस व्यक्ति पर नजर रखने के लिए आगाह करते हैं ताकि कोई उनके गली-मोहल्ले वालों को नुक्सान ना पहुंचा सके.