
भारत में काला धन और अघोषित आय एक गंभीर मुद्दा रहा है। सरकार लगातार ऐसे लोगों पर नजर रख रही है, जो विदेश में निवेश करते हैं लेकिन अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) में इसकी जानकारी नहीं देते। इससे न केवल भ्रष्टाचार और महंगाई बढ़ती है, बल्कि सरकारी खजाने को भी भारी नुकसान होता है।
आयकर विभाग ने 11 दिसंबर 2024 को एक ब्रोशर जारी किया, जिसमें स्पष्ट किया गया कि किन करदाताओं को अपने आईटीआर में अनुसूचित विदेशी संपत्ति (एफए) और अन्य आवश्यक दस्तावेज शामिल करने होंगे। यदि आप अपने विदेशी निवेश की जानकारी आईटीआर में नहीं देते हैं, तो इसे काला धन माना जा सकता है और इसके लिए 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
आईटीआर में विदेशी आय की जानकारी देना अनिवार्य
आयकर विभाग के दिशानिर्देशों के अनुसार, करदाताओं को अपने विदेशी खातों और निवेशों की पूरी जानकारी देनी होगी। यदि उन्होंने किसी विदेशी कंपनी में शेयर खरीदे हैं या विदेश में संपत्ति खरीदी है, तो उसकी भी जानकारी देनी अनिवार्य है। इसका मतलब यह है कि चाहे आपको विदेश स्थित संपत्ति से आय हो रही हो या नहीं, आपको इसे अपने आईटीआर में शामिल करना होगा।
विदेशी संपत्ति और आय की जानकारी नहीं देने पर क्या होगा?
पिछले कुछ वर्षों में भारत सरकार ने विभिन्न देशों के साथ कई कर-संबंधी समझौते किए हैं। इसके कारण, यदि कोई व्यक्ति विदेश में निवेश करता है, तो उसकी जानकारी सरकार को आसानी से मिल सकती है। अगर कोई करदाता अपनी विदेशी संपत्तियों या आय का खुलासा नहीं करता है, तो उस पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
किन करदाताओं को विदेशी संपत्ति और आय का खुलासा करना होगा?
यह नियम उन सभी भारतीय नागरिकों पर लागू होता है जिनके पास विदेश में कोई संपत्ति है या वे वहां से आय अर्जित कर रहे हैं। इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- विदेशी बैंक खाते
- विदेशी इक्विटी निवेश
- व्यावसायिक निवेश
- विदेश में खरीदी गई संपत्ति
- विदेशी स्रोतों से होने वाली आय (जैसे ब्याज, लाभांश और सकल आय)
आईटीआर में विदेशी संपत्ति की जानकारी कैसे दें?
यदि आपके पास विदेश में कोई संपत्ति या आय है, तो आपको निम्नलिखित जानकारी जुटानी होगी:
- संपत्ति या निवेश का प्रकार
- संपत्ति खरीदने की तारीख
- विदेशी संपत्ति से हुई कुल आय
- विदेश में चुकाए गए टैक्स का विवरण
इसके बाद, आप अपनी आईटीआर में यह जानकारी सही तरीके से भर सकते हैं। यदि आप डबल टैक्स अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) के तहत लाभ प्राप्त करने के पात्र हैं, तो शेड्यूल TR के साथ फॉर्म 67 जमा करें। इससे आप अपने कर दायित्व को कम कर सकते हैं और किसी भी कानूनी परेशानी से बच सकते हैं।