
किसान अगर बेहद कम लागत में खेतों में ड्रिप सिस्टम तकनीक से सिंचाई करना चाहते हैं, खरपतवार के समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो बता दे की 80% तक की सब्सिडी, ड्रिप सिस्टम तकनीक पर मिल रही है, चलिए जानते हैं किसानों का तजुर्बा-
ड्रिप सिस्टम तकनीकी के फायदे
बढ़िया पैदावार लेने के लिए किसानों को समय पर सिंचाई करनी पड़ती है। सिंचाई के कई तरह के साधन इस समय उपलब्ध है। अगर किसान चाहे तो पानी की 50 से 60% तक बचत कर सकते हैं। कम पानी में भी खेती कर सकते हैं। जिसके लिए ड्रिप सिस्टम तकनीकी बढ़िया है। इससे पानी की बचत होती है और खरपतवार भी नहीं होते। फसल को जितनी पानी की आवश्यकता होती है उतना पानी उन्हें मिल जाता है और समय पर सही तरीके से सिंचाई किस कर लेते हैं। इसलिए सरकार भी किसानों की आर्थिक मदद कर रही है ताकि वह इस यंत्र को बेहद सस्ते में खरीद सके।
ड्रिप सिस्टम पर सब्सिडी
ड्रिप सिस्टम तकनीकी का किसान इस्तेमाल कर सके इसके लिए सरकार अच्छी खासी सब्सिडी दे रही है। केंद्र सरकार से लेकर विभिन्न राज्य सरकार कृषि यंत्रों पर भारी सब्सिडी दे रही है। जिसमें आज हम बात कर रहे हैं औरंगाबाद के किसानों की, आपको बता दे की कुटुंब प्रकट प्रखंड के किसान ड्रिप सिस्टम तकनीकी लगाकर खेती कर रहे हैं। उन्हें सरकार की तरफ से अच्छी खासी सब्सिडी मिली है। कृषि विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दे कि ड्रिप सिस्टम पर सरकार 80% तक की सब्सिडी दे रही है।
जिससे लागत सिर्फ 10 से ₹20000 किसानों को लगती है। यानी की ₹200000 तक की मशीन ₹10000 में किसानों को मिल जायेगी। इसके लिए उन्हें आवेदन और कुछ कागज जमा करने होंगे। चलिए उसके बारे में जानते हैं।
आवेदन और आवश्यक दस्तावेज
सब्सिडी पर ड्रिप सिस्टम लेने के लिए किसानों को उद्यान विभाग में आवेदन करना होगा। जिसके लिए उनके पास आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, खेत से जुड़े कागज, फसल की जानकारी, बैंक पासबुक की फोटो कॉपी आदि चीज होनी चाहिए। आवेदन करने के पश्चात किसानों के खेत में ड्रिप सिस्टम लगा दिया जाता है।