tenant landlord dispute : किराएदार किराया देने में करे आनाकानी तो करें ये काम, भागा-भागा आएगा पैसा देने

tenant landlord dispute : किराएदार किराया देने में करे आनाकानी तो करें ये काम, भागा-भागा आएगा पैसा देने

Himachali Khabar – (landlord’s rights) अक्सर लोग एक्स्ट्रा कमाई के लिए अपनी प्रोपर्टी (property rights) को दूसरे लोगों को किराए पर दे देते हैं। कुछ समय तक तो ठीक-ठाक चलता है लेकिन कुछ दिन बाद ही अधिकतर मकान मालिकों व किराएदारों के बीच खींचतान बढ़ने लगती है। यह खींचतान अक्सर किराए को लेकर ही होती है।

आमतौर पर मकान मालिक को किराया न मिलने की शिकायत होती है। अगर आपने भी अपनी प्रोपर्टी को किराये पर दिया है और किराएदार  किराया नहीं दे रहा है तो आप फटाफट इस तरीके (rent recovery tricks) को अपनाएं, इसके बाद आपका किराया वह किराएदार नहीं रोक सकेगा। बिना झगड़े व बिना किसी टेंशन के ही आपकी जेब में प्रोपर्टी का किराया होगा। आइये जानते हैं इस खास तरीके के बारे में। 

ऐसे ले सकता है मकान मालिक किराया –

यदि किराएदार ने किराया नहीं दिया है, तो मकान मालिक सिक्योरिटी राशि (rent security money)  का उपयोग करके उसे चुकता करवा सकता है और आवश्यकता पड़ने पर मकान को खाली भी करवा सकता है। इसलिए किराएदार से पहले ही सिक्योरिटी राशि ले लेनी चाहिए ताकि किराएदार से किराए की भी वसूली हो सके। यह राशि मकान मालिक के लिए वित्तीय सुरक्षा का काम करती है। वह इस राशि से किसी भी प्रकार के नुकसान की भरपाई कर सकता है या किराए का भुगतान करवा सकता है, ताकि मकान मालिक (makan malik ke adhikar) को कोई नुकसान न हो।

किराएदार को भेज सकते हैं कानूनी नोटिस-

अगर किराएदार ने तय तारीख तक किराए का भुगतान नहीं किया है, तो आप कानूनी कदम उठा सकते हैं। सबसे पहले, एक नोटिस (notice to tenant) भेजें, जिसमें बकाए का पूरा विवरण हो, जैसे कितनी रकम देनी है और कब तक दी जानी चाहिए। नोटिस में यह भी साफ-साफ बताएं कि अगर किराया समय पर नहीं मिलता है, तो इसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। आप भारतीय संविदा अधिनियम 1872 (Indian Contract Act 1872) की शर्तों को शामिल कर सकते हैं, ताकि कानूनी कार्रवाई सही तरीके से की जा सके और आपका भुगतान प्राप्त हो।-

कोर्ट में जरूरी दस्तावेज और सबूत पेश करें –

अगर सिक्योरिटी और नोटिस से भी समस्या हल नहीं होती, तो आप न्यायालय का सहारा ले सकते हैं। कोर्ट में मामले की सुनवाई के लिए आप सभी जरूरी दस्तावेज और सबूत लेकर जाएं। आपके पास सभी प्रमाण होने पर, अदालत में फैसला (court case on tenant) आपके पक्ष में हो सकता है। यह एक कानूनी तरीका है, जिससे आप अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं और किराया वसूलने के लिए उचित कदम उठा सकते हैं।

मकान मालिक करें इस अधिकार का प्रयोग –

अगर किराएदार ने फिर भी भुगतान नहीं किया, तो मकान मालिक के पास कानूनी तरीके से उसे मकान से बाहर करने का अधिकार होता है। विभिन्न राज्यों में प्रॉपर्टी (property rights) खाली कराने के लिए अलग-अलग नियम होते हैं, जिन्हें आप लागू कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को सही तरीके से करने के लिए किसी अनुभवी वकील से सलाह लेना जरूरी है। यह सुनिश्चित करता है कि कार्रवाई पूरी तरह से कानूनी तरीके से हो और किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

इन बातों का रखें ध्यान –

जब भी कोई व्यक्ति अपना घर किराए पर देता है, तो यह जरूरी होता है कि वह एक सही समझौता यानी रेंट एग्रीमेंट (rent agreement) तैयार करें। इस दस्तावेज में किराए की रकम, भुगतान की तारीख और किराए की अवधि का उल्लेख होता है। यह दस्तावेज दोनों पक्षों के लिए सुरक्षा प्रदान करता है। बिना इस समझौते के मकान किराए पर देना जोखिम भरा हो सकता है। यह कानूनी रूप से दोनों के अधिकारों (tenant’s property rights) और जिम्मेदारियों को स्पष्ट करता है, जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार की समस्या से बचा जा सकता है।

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