Himachali Khabar (DA Merger) केंद्रीय कर्मचारियों को जनवरी 2025 से लागू होने वाले महंगाई भत्ते का इंतजार है। इसी बीच कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर अपडेट आया है कि कर्मचारियों का महंगाई भत्ता शून्य यानी जीरो हो जाएगा। इससे एक करोड़ 15 लाख केंद्रीय सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारी प्रभावित होंगे। महंगाई भत्ता कर्मचारियों की सैलरी का अहम हिस्सा होता है।
8वें वेतन आयोग का किया जा रहा है गठन
केंद्र सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दी है। 8वें वेतन आयोग (DA Merger) के चेयरमैन और पैनल का भी गठन जल्द किया जाना है। इसके बाद कर्मचारियों के लिए नए वेतन संसोधन के मैट्रिक्स पर मंथन किया जाएगा। केंद्रीय कर्मचारियों (Central government employees) और पेंशनधारकों को सैलरी और भत्तों में संशोधन की उम्मीद है।
8वें वेतन आयोग का महंगाई भत्त पर पड़ेगा असर
नया वेतन आयोग (Pay commission) अपनी रिपोर्ट तैयार करने के बाद अपनी सिफारिशें लागू कराने के लिए सरकार को रिपोर्ट देगा। इसके बाद सरकार समीक्षा कर रिपोर्ट लागू करेगी। 8वें वेतन आयोग (8th pay Commission) के आने पर सबसे बड़ा असर महंगाई भत्ते (DA Merger) पर होगा। कर्मचारियों का महंगाई भत्ता जीरो हो जाएगा। 8वां वेतन आयोग लागू होते ही महंगाई भत्ता (Dearness allowance) जीरो हो जाएगा।
बेसिक सैलरी में मर्ज किया जाएगा महंगाई भत्ता
जनवरी 2026 तक महंगाई भत्ता (DA) 63 प्रतिशत पहुंच सकता है। पहले रूल था कि महंगाई भत्ता 50 फीसदी होने के बाद जीरो करके बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया जाए। लेकिन 7वें वेतन आयोग में यह प्रावधान नहीं था कि 50 फीसदी होने पर महंगाई भत्ते (DA Merger) को बेसिक सैलरी में मर्ज किया जाए।
नए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA) जीरो कर बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया जाएगा। अभी ये क्लीयर नहीं है कि 63 प्रतिशत महंगाई भत्ता मर्ज होगा या सिर्फ 50 फीसदी को ही मर्ज किया जाएगा। इसपर सरकार को फैसला करना है।
नए वेतन आयोग में जीरो से शुरू होगा डीए
8वें वेतन आयोग के लागू होने पर केंद्रीय कर्मचारियों की नई बेसिक सैलरी पर डीए की गणना 0 से शुरू की जाएगी। अगर बेसिक सैलरी 34500 रुपये हो जाएगी तो जनवरी 2026 से उसका महंगाई भत्ता (DA Merger) 0 ही माना जाएगा। फिर छह माह में महंगाई के हिसाब से यह 3-4 फीसदी बढ़ सकता है।
महंगाई भत्ता जोड़कर तय होगी 8वें वेतन आयोग में सैलरी
8वें वेतन आयोग की ओर से बेसिक सैलरी में महंगाई भत्ता जोड़कर आगे की बेसिक सैलरी की गणना की जाएगी। सैलरी मर्ज होने के बाद कर्मचारियों व समय की जरूरतों के हिसाब से नई सैलरी तय की जाएगी। डीए (DA) को मूल वेतन में जोड़ने से कर्मचारियों का कुल वेतन बढ़ेगा।
अगर अब कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है तो महंगाई भत्ता (DA Merger) 50% होने पर महंगाई भत्ते के 9,000 रुपये मिलेंगे। यानी 27000 रुपये सैलरी डीए सहित होगी। ऐसे में 8वें वेतन आयोग में न्यूनतम यह सैलरी तो रहेगी ही।
महंगाई भत्ता 0 होने का कारण
केंद्र सरकार की ओर से हर दस साल में नया वेतन आयोग लाया जाता है। जब भी नया वेतनमान लागू किया जाता है तो कर्मचारियों को मिलने वाले डीए को मूल वेतन में जोड़ दिया जाता है। कितने प्रतिशत डीए को वेतन में मर्ज करें ये सरकार पर निर्भर करता है। अधिक डीए को मर्ज (DA Merger) करने में कई बार वित्तीय स्थिति आड़े आ जाती है। ऐसे में मूल वेतन में डीए मर्ज होने के बाद अगले दस वर्ष तक हर साल दो बार डीए संसोधित किया जाएगा।