खून से लथपथ बेटे की लाश देखकर सदमे में मां की मौत, एक साथ उठी दोनों की अर्थी, रोने लगा पूरा मोहल्ला..

खून से लथपथ बेटे की लाश देखकर सदमे में मां की मौत, एक साथ उठी दोनों की अर्थी, रोने लगा पूरा मोहल्ला..खून से लथपथ बेटे की लाश देखकर सदमे में मां की मौत, एक साथ उठी दोनों की अर्थी, रोने लगा पूरा मोहल्ला..

इटावा: उत्तर प्रदेश के इटावा में बीते गुरुवार की रात अज्ञात वाहन ने रोडवेज से रिटायर्ड कर्मी के बेटे को रौंद दिया। 32 वर्षीय युवक शिवम श्रीवास्तव पुत्र सतीश कुमार निवासी चौगुर्जी घर वापस आने के लिए वाहन का इंतजार कर रहा था। वह तभी हादसे का शिकार हो गया। राहगीरों और पुलिस की मदद से घायल युवक को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया।

घटना की जानकारी पर मृतक का बड़ा भाई और मां अस्पताल पहुंचे तो वहां खून से सने बेटे के शव को देखकर मां ने भी अस्पताल में दम तोड़ दिया। एक ही साथ घर से मां-बेटे की अर्थी उठी, जिसे देख मौहल्ले में मातम पसर गया और परिवार, रिश्तेदार मौहल्ले के लोग नम आंखों से शव यात्रा में शामिल हुए। घटना मैनपुरी फाटक रेलवे ओवरब्रिज सिविल लाइंस क्षेत्र की बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक रोडवेज से रिटायर्ड सीनियर फोरमैन के 32 वर्षीय बेटे शिवम श्रीवास्तव देर रात आईटीआई की ओर से अपने घर वापस आ रहा था। किसी अज्ञात वाहन ने शिवम को टक्कर मार दी। इसके बाद घटना स्थल से गुजर रहे राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी।

बेटे का हाल देखकर मां की मौत
मौके पर पहुंची सिविल लाइन थाना पुलिस ने घायल को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया जहां डॉक्टरों ने शिवम का परीक्षण कर उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना की जानकारी पर बड़ा भाई शुभम और उसकी मां 59 वर्षीय वंदना श्रीवास्तव देर रात जिला अस्पताल पहुंचे, जहां छोटे बेटे को मृत अवस्था में देख मां की हालत बिगड़ गई। डॉक्टरों ने ऑक्सीजन और इंजेक्शन भी दिया, लेकिन तब तक मां वंदना श्रीवास्तव ने दम तोड़ दिया। यह घटना देख परिवार और रिश्तेदारों में कोहराम मच गया।

बड़े बेटे शुभम ने बताया कि मेरा भाई काम के सिलसिले में कहीं गया हुआ था। मां लगातार उसको फोन कर रही थी, तो उसने बोला कि आधा घंटे में घर पहुंच रहे हैं। हालांकि घर नहीं पहुंचने पर मां ने करीब 11 कॉल किए, लेकिन फोन नहीं उठा। जब उसको आखिरी कॉल किया तो किसी अनजान व्यक्ति ने फोन उठाया और बताया कि आपके बेटे का एक्सीडेंट हो गया है और वह जिला अस्पताल में है।

हार्ट अटैक से हुई मौत
इसके बाद मां ने जानकारी मुझे दी तो मैं और मेरी मां रात में ही जिला अस्पताल पहुंचे। जहां देखा कि मेरे भाई को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया था। भाई की मौत की पुष्टि और उसके शरीर को देख कर मेरा कलेजा फट रहा था। वहीं मां बेचैन हो गई और उनकी तबियत बिगड़ गई। डॉक्टर ने उनको ऑक्सीजन और इंजेक्शन दिया, लेकिन उनकी हालत बिगड़ती चली गई और उन्होंने दम तोड़ दिया। घर में छोटा होने के कारण मेरी मां को उससे अधिक लगाव था, जिसके चलते उनको हार्ट अटैक आ गया।

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