दिल्ली में भाजपा सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में आयुष्मान योजना और महिला समृद्धि योजना को मंजूरी दी। महिला समृद्धि योजना के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को 2500 रुपये मासिक दिए जाएंगे, जबकि आयुष्मान योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। योजना की पात्रता शर्तें तय की जा रही हैं, और पहली किस्त 8 मार्च तक जारी होने की संभावना है।

दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नई सरकार ने अपने वादों को अमल में लाने की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा दिए हैं। हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में आयुष्मान योजना को दिल्ली में लागू करने के फैसले को हरी झंडी दी गई। इसके अलावा, महिला समृद्धि योजना को लेकर भी गहन चर्चा हुई, जिसके तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को 2500 रुपये की मासिक आर्थिक सहायता दी जाएगी।
महिला समृद्धि योजना का लाभ सिर्फ इन्हे मिलेगा
भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया था कि महिला समृद्धि योजना का लाभ सभी महिलाओं को नहीं मिलेगा। यह योजना सिर्फ उन महिलाओं के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आती हैं। हालांकि, अभी सरकार को इस योजना की पात्रता शर्तों को अंतिम रूप देना बाकी है। एक निश्चित आय सीमा तय की जाएगी, जिसके भीतर आने वाले परिवारों की महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलेगा।
इसके अतिरिक्त, सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि इनकम टैक्स देने वाली महिलाएं इस योजना से बाहर रहें। इसके अलावा, सरकारी वेतनभोगी और पेंशनभोगी महिलाओं को भी इस योजना के दायरे से बाहर रखा जाएगा।
पहली किस्त कब तक मिलेगी?
भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि 8 मार्च को पहली किस्त दी जाएगी। वर्तमान में सरकार इस योजना की नियम-शर्तों को अंतिम रूप देने में जुटी हुई है और जल्द ही इसका प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में पेश किया जाएगा।
आयुष्मान योजना को भी मिली मंजूरी
कैबिनेट की बैठक में दिल्ली में आयुष्मान योजना को लागू करने पर भी निर्णय लिया गया। इस योजना के तहत, गरीब और जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। भाजपा सरकार का मानना है कि इस योजना से दिल्ली के हजारों परिवारों को राहत मिलेगी, जो अभी तक उच्च चिकित्सा खर्चों के कारण आर्थिक रूप से परेशान थे।